गाजियाबाद। मुरादनगर स्थित आईटीएस डेंटल कॉलेज के ओरल मेडिसन एंड रेडियोलॉजी, ओरल पैथोलॉजी एवं पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री विभागों के द्वारा बीडीएस इंटर्न्स के लिये दो दिवसीय क्लीनिकल एकेडमिक एनहेन्समेंट कोर्स का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में 96 इंटर्न्स ने भाग लिया जिसमें छात्रों को तीन समूह में विभाजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को दंत चिकित्सा के क्षेत्र में उनके क्लीनिकल ज्ञान में वृद्धि के साथ-साथ उन्हें नवीनतम उपचार की प्रक्रियाओं से अवगत कराना था। इस दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान पहले समूह को ओरल मेडिसिन एंड रेडियोलॉजी विभाग की फैकल्टी द्वारा इमर्जिंग रोल आॅफ सी.बी.सी.टी.- ए. 3डी. इमेजिंग मोडेलिटी इन डेन्टिस्ट्री विषय पर विभिन्न व्याख्यान एवं हैंड्स-आॅन प्रस्तुत किये गये जिसमें उन्होंने सभी छात्रों को सी.बी.सी.टी. के उपयोग की मूल प्रक्रिया के बारे में पूर्ण जानकारी दी गयी। इसके साथ ही उन्होंने सी.बी.सी.टी. के प्रमुख और अन्य 2डी. और 3डी. इमेजिंग तौर-तरीकों के अंतर को रेखांकित किया तथा छात्रों को इमेज इंटरप्रिटेशन, नर्व ट्रेसिंग और आर्टिफैक्ट्स के बारे में प्रशिक्षित किया गया। इसके साथ ही छात्रों को इम्प्लांट प्लानिंग करने में सी.बी.सी.टी. की भूमिका पर हैंड्स-आन दिया गया और इसके साथ-साथ सिर और गर्दन के हिस्से के विभिन्न प्रकार की हड्डी की गुणवत्ता का आकलन करने के लिये सी.बी.सी.टी. सॉफ्टवेयर का अभ्यास करने के साथ छात्रों को इमेज को पढ़ने एवं व्याख्या करने के लिये भी प्रषिक्षित किया।
ओरल पैथोलॉजी विभाग की फैकल्टी द्वारा भी प्रिसिशन इन क्लीनिको-पैथोलॉजिक असेसमेंट नीड फॉर ए. रिसर्च विद एविडेन्स बेसड एप्रोच विषय पर विभिन्न व्याख्यान प्रस्तुत किए गए, जिसमें उन्होंने सभी छात्रों को बताया कि वह कैसे दंत चिकित्सा के अभ्यास में रिसर्च एवं विभिन्न प्रकार के अध्ययन करके अपने ज्ञान को बढ़ा सकते हंै। इसके साथ ही उन्होंने ऐविडेन्स बेसड डेंटिस्ट्री से जुड़े तथ्यों से छात्रों को अवगत कराया। लेक्चर के दौरान छात्रों को डीएनए आइसोलेशन की बुनियादी बातों से अवगत कराने के साथ-साथ इस विषय पर हैंड्स-आॅन भी दिया गया। इसके बाद छात्रों को ब्लड के बारे में, सलाइवा और जी.सी.एफ. संग्रह करना एवं पी.आर.पी. तैयार करने के बारे में भी पूर्ण जानकारी दी गयी। इसके बाद छात्रों को रिसेंट कॉन्सेप्ट एंड मैथोडोलॉजीस आॅफ चेयर साइड इंवेस्टिगेशन विषय के बारे में बताया गया जिसमें छात्रों से विशेषज्ञ की निगरानी में संभावित घातक घावों वाले रोगियों की एक्सफोलीएटिव साइटोलॉजिकल स्मीयर और वाइटल स्टेनिंग (टोल्यूडीन ब्लू) का अभ्यास कराया गया तथा माइक्रोस्कोप के तहत उसका मूल्यांकन भी किया। इसके बाद छात्रों को कल्चर प्लेटिंग और कॉलोनी काउंटिंग का भी डेमोंस्ट्रेशन भी दिया गया। पब्लिक हैल्थ डेंटिस्ट्री विभाग की फैकल्टी ने भी सभी छात्रों को कैरीज रिस्क असेसमेंट विषय पर विभिन्न व्याख्यान प्रस्तुत किये गये। जिसमेंं उन्होंने छात्रों को इस विषय से जुड़े जोखिमों एवं उसके मूल्यांकन से अवगत कराया तथा छात्रों ने कैरिओग्राम और कैम्ब्रा रिस्क असेसमेंट का बढ़-चढ़कर अभ्यास किया तथा फैकल्टी द्वारा इस विषय के बारे मे चर्चा भी की। इसके साथ छात्रों को कैरिओग्राम का उपयोग करके कैरीज रिस्क असेसमेंट पर हैंड्स-आॅन दिया गया तथा छात्रों ने विशेषज्ञ की निगरानी में रोगियों पर इसका अभ्यास भी किया। इसके बाद छात्रों को कैम्ब्रा विषय पर एक व्याख्यान प्रस्तुत किया गया तथा छात्रों को मरीज पर डेमोंस्ट्रेशन भी दिया गया। जिसके उपयोग से सभी छात्र रोगियों को बेहतर उपचार प्रदान कर सकते है। इस कार्यक्रम के माध्यम से सभी छात्रों को क्लीनिक एवं एकेडमिक के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ ज्ञान प्राप्त हुआ जिसके लिये सभी ने आईटीएस-द एजुकेशन ग्रुप के चेयरमैन डा. आरपी चड्ढा तथा वाईस चेयरमैन अर्पित चड्ढा को धन्यवाद दिया।