- सीएमओ कार्यालय में हुई सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों की ट्रेनिंग
- स्क्रीनिंग के गुर सिखाने के साथ ही निक्षय आईडी बनाना भी सिखाया
हापुड़। क्षय रोग के लक्षण पहचानना मुश्किल नहीं है। बस लक्षणों के बारे में मौलिक जानकारी होना जरूरी है। खांसी क्षय रोग का सबसे सामान्य सा लक्षण है, लेकिन केवल इस आधार पर कि मरीज को खांसी नहीं है, क्षय रोग को रूल आऊट नहीं किया जा सकता। यह बातें शुक्रवार को जिला क्षय रोग अधिकारी डा. राजेश सिंह ने सीएमओ कार्यालय सभागार में आयोजित सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) के प्रशिक्षण सत्र में कहीं। प्रशिक्षण सत्र में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. प्रवीण शर्मा ने सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पहुंचने वाले मरीजों को तसल्ली से पूरी जानकारी देने के निर्देश दिए।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने प्रशिक्षण सत्र को संबोधित करते हुए कहा – जब मरीज आपके पास किसी तकलीफ का उपचार प्राप्त करने पहुंचेगा तो आपको उसकी टीबी स्क्रीनिंग करनी ही है, तभी हम शुरूआती अवस्था में क्षय रोगियों को ट्रैक कर पाएंगे और जल्दी उपचार शुरू करके टीबी संक्रमण का फैलाव रोक सकेंगे। उन्होंने बताया – मुख्यत: 15 दिन से अधिक की खांसी, खांसते समय बलगम या खून आना, थकान रहना, वजन कम होना, बुखार रहना, रात में सोते समय पसीना आना और सीने में दर्द रहना टीबी के लक्षण हो सकते हैं। यदि मरीज में इनमें से कोई लक्षण है तो उसकी स्पुटम (बलगम) जांच करानी है। स्वास्थ्य विभाग स्पुटम जांच निशुल्क करता है, और क्षय रोग की पुष्टि होने पर निशुल्क उपचार भी उपलब्ध कराता है।
जिला पीपीएम कोर्डिनेटर सुशील चौधरी ने बताया जनपद में वर्तमान में कुल 92 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी तैनात हैं। इनमें से 32 को शुक्रवार को टीबी, उसके लक्षण और क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के बारे में प्रशिक्षण दिया गया, बाकी को प्रशिक्षण सोमवार को सीएमओ कार्यालय सभागार में ही होगा। क्षय रोग विभाग की कंप्यूटर आॅपरेटर सलोनी जिंदल ने सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को निक्षय आईडी बनाना सिखाया। दरअसल निक्षण आईडी हर उस मरीज की बनाई जाती है जिसमें टीबी के लक्षण पाए जाते हैं। जांच में यदि टीबी की पु?ष्टि नहीं होती तो ह्लनिगेटिवह्व परिणाम दशार्ते हुए आईडी बंद कर दी जाती है।