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निजी चिकित्सकों और दवा विक्रेताओं का संवेदीकरण कर रहा क्षय रोग विभाग

  • विभाग की पांच टीम बता रहीं क्षय रोगियों के नोटिफिकेशन और एच-1 शिड्यूल की महत्ता
    हापुड़।
    क्षय रोग विभाग जनांदोलन कार्यक्रम के चौथे चरण के तहत जनपद के निजी चिकित्सकों और दवा विक्रेताओं का संवेदीकरण कर रहा है। यह अभियान क्लीनिक, दवा की दुकानों और निजी चिकित्सालयों में जाकर चलाया जा रहा है। जिला क्षय रोग अधिकारी डा. राजेश सिंह ने बताया संवेदीकरण के लिए दो-दो सदस्यों वाली पांच टीम का गठित की गयी हैं। क्षय रोग विभाग की टीम निजी चिकित्सकों को टीबी के मामलों का नोटिफिकेशन कराने की महत्ता बताते हुए सौ फीसदी मामलों का नोटिफिकेशन कराने के लिए प्रेरित कर रही हैं। डीटीओ ने बताया नोटिफिकेशन किए बिना क्षय रोगी का उपचार करना कानूनन जुर्म है। निजी चिकित्सकों और दवा विक्रेताओं का संवेदीकरण कार्यक्रम पूरे अक्टूबर माह चलेगा।
    जिला पीपीएम समन्यवयक सुशील चौधरी ने बताया जनांदोलन कार्यक्रम के तहत जनपद की सभी दवा की दुकानों पर जाकर एच-1 शिडयूल की सूचना संकलित करने और इसके सही रखरखाव के बारे में जागरूक किया जा रहा है। बता दें कि टीबी की दवा देने के लिए जरूरी है कि दवा विक्रेता भी दवा देने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि रोगी का नोटिफिकेशन हो गया हो, ऐसा न होने पर वह स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूचना उपलब्ध कराएं। बता दें कि ड्रग कंट्रोलर जनरल आॅफ इंडिया (डीसीजीआई) की गाइडलाइन के तहत औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम-1940 तथा इसके अंतर्गत बनाई गई नियमावली के अनुपालन में यह वैधानिक अनिवार्यता है कि खुदरा दवा विक्रेता केवल रजिस्टर्ड मेडिकल प्रेक्टिशनर के पर्चे पर ही दवाओं की बिक्री करें।
    जिला पीपीएम कोर्डिनेटर ने बताया अभियान के तहत एमबीबीएस और एमडी चिकित्सकों से संपर्क किया जा रहा है। जनपद में ऐसे कुल 65 चिकित्सक सूचीबद्ध हैं। अब तक करीब 30 चिकित्सकों के यहां क्षय रोग विभाग की टीम विजिट कर चुकी हैं। बुधवार को पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी और हसमत अली की टीम निदान नर्सिंग होम में डा. अजय गोयल और तिलक नर्सिंग होम में डा. मानसी जैन से मिली और क्षय रोगियों के नोटिफिकेशन के बारे में विस्तार से चर्चा की।

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