कैला भट्टा में शहीद पंडित राम प्रसाद बिस्मिल की जयंती पर पेश की खिराज-ए-अकीदत

गाजियाबाद। भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के महान सैनानी अमर शहीद पंडित राम प्रसाद बिस्मिल की जयंती पर पूर्व पार्षद जाकिर अली सैफी ने क्षेत्रीय कार्यालय जस्सीपुरा पर कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में आए लोगों ने पंडित राम प्रसाद बिस्मिल के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर खिराज-ए-अकीदत पेश की। खिराज-ए-अकीदत पेशगी में रमीज राजा सैफी से व्यक्तिगत मुलाकात करने आए समाजवादी पार्टी युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद गिरि भी उपस्थित रहे और पंडित राम प्रसाद बिस्मिल की जयंती के मौके पर जाकिर अली सैफी एवं अरविंद गिरि ने संयुक्त रूप से सम्बोधन में कहा कि पंडित राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की क्रान्तिकारी धारा के एक प्रमुख सेनानी थे, जिन्हें 30 वर्ष की आयु में ब्रिटिश सरकार ने फाँसी दे दी। वे मैनपुरी षड्यन्त्र व काकोरी-काण्ड जैसी कई घटनाओं में शामिल थे तथा हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के सदस्य भी थे। राम प्रसाद एककवि, शायर, अनुवादक, बहुभाषाभाषी, इतिहासकार व साहित्यकार भी थे। बिस्मिल उनका उर्दू तखल्लुस (उपनाम) था जिसका हिन्दी में अर्थ होता है आत्मिक रूप से आहत। बिस्मिल के अतिरिक्त वे राम और अज्ञात के नाम से भी लेख व कवितायें लिखते थे। उन्होंने सन 1916 में 19 वर्ष की आयु में क्रान्तिकारी मार्ग में कदम रखा था। 11 वर्ष के क्रान्तिकारी जीवन में उन्होंने कई पुस्तकें लिखीं और स्वयं ही उन्हें प्रकाशित किया। इस मौके परसैय्यद समीर अली, रमीज राजा, शाहनवाज खान, इस्लामुद्दीन अब्बसी, शौकत सैफी, इनायत अली, आमिर कल्लू,आदिल सैफी, अलमास, जावेद सैफी, इस्लाम कुरैशी, जाहिद कुरैशी सलमान मलिक, आदि लोग उपस्थित रहे।