- डीटीओ ने किया आशा कार्यकतार्ओं का संवेदीकरण
- संचारी रोग नियंत्रण अभियान में 16 जुलाई से शुरू होगा दस्तक अभियान
हापुड़। जनपद में संचारी रोग नियंत्रण अभियान का संचालन किया जा रहा है। यह अभियान 31 जुलाई तक चलेगा। अभियान के दूसरे चरण को दस्तक अभियान का नाम दिया गया है। दस्तक अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर जहां लोगों को संचारी रोगों के बारे में जागरूक करेंगी और उनसे बचाव के उपाय बताएंगी, वहीं क्षय रोगियों को खोजने के लिए टीबी के लक्षणों वालों की स्क्रीनिंग भी करेंगी। टीम द्वारा की गई स्क्रीनिंग के आधार पर क्षय रोग विभाग स्पुटम (बलगम) का नमूना लेकर जांच करेगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील त्यागी ने बताया दस्तक अभियान के लिए जनपद में आशा कार्यकर्ता और संचारी रोग नियंत्रण अभियान में लगाए गए अन्य विभागों के कर्मचारियों की दो सौ टीम गठित की गयीं हैं।
दस्तक अभियान में शामिल हापुड़ ब्लॉक की आशा कार्यकतार्ओं का जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राजेश सिंह ने बृहस्पतिवार को गढ़ रोड स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, हापुड़ पर संवेदीकरण किया। डा. सिंह ने आशा कार्यकतार्ओं को बताया दो सप्ताह से अधिक खांसी, सीने में दर्द की शिकायत, रात में सोते समय पसीना आना, खांसते समय बलगम या खून आना, वजन कम होना, बुखार आना और अधिक थकान होना टीबी के लक्षण हो सकते हैं। दस्तक अभियान के दौरान आशा कार्यकर्ता घर के सभी सदस्यों में इनमें से कोई लक्षण होने के बारे में पूछें और दिए गए प्रपत्र पर पूछे गए सवालों के जवाब साफ-साफ अंकित करें।
डीटीओ डा. सिंह ने आशा कार्यकतार्ओं को निर्देश दिए हैं कि स्क्रीनिंग के दौरान कोई घर न छूटे, इसके लिए वह घर के बार निशान लगाएं और परिवार के मुखिया से बात करने का प्रयास करें। इसके साथ ही वह इस बात की जानकारी भी दें कि टीबी भी अन्य रोगों की ही तरह है। इसे अभिशाप मानकर छिपाएं नहीं, बल्कि लक्षण आने पर तुरंत जांच कराएं। इस मौके पर जिला पीपीएम कोआॅर्डिनेटर सुशील चौधरी ने बताया क्षय रोग विभाग टीबी की निशुल्क जांच और उपचार करता है और? नियमित उपचार के बाद टीबी पूरी तरह से ठीक हो जाती है। उपचार जारी रहने तक विभाग हर रोगी को प्रति माह पांच सौ रुपए का भुगतान उसके बैंक खाते में सीधे करता है ताकि रोगी अच्छा पोषण युक्त भोजन कर सके।