- दिवंगत पत्रकार प्रशांत वत्स की स्मृति में प्रकाशित काव्य संग्रह अब हमने थामी है मशाल का हुआ विमोचन
गाजियाबाद। अमर भारती साहित्य संस्कृति संस्थान गाजिÞयाबाद द्वारा आजादी की हीरक जयंती के उपलक्ष्य में अमृत महोत्सव का आयोजन किया गया। पटेलनगर स्थित सुभाषिणी आॅफसेट प्रेस के सभागार में सम्पन्न हुए इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध कवयित्री एवं ककसाड पत्रिका की संपादक कुसुमलता सिंह ने की। अपने अध्यक्षीय संबोधन में कुसुमलता ने कहा कि आज हम जहां हैं, वहाँ हमें क्या मिला है? यह आज के समय का मौजू सवाल है। क्या यह हमारी राजनीतिक आजादी है? आजादी सही अर्थ में तब होगी जब हमारा साहित्य हमारी संस्कृति और भाषा का संरक्षण होगा और हमारे आपसी संबंधों में समरसता होगी। लोकतंत्र भीड़ का भवितव्य है। वर्तमान समय में शासक और शाषित दोनों ही भ्रमित हैं। आजादी का महोत्सव मनाना तभी सार्थक होगा जब आजादी का सम्मान करना हम सीखेंगे। अपनी चर्चित कविता डर सुनाते हुए उन्होंने कहा- फैसलों और फासलों में कट रही है जिÞंदगी, हजारों फैसलों की मुनादी के बाद भी डर रहा है वह फासलों से, जबकि आज अभी सावन भी है, बारिश भी है, हरियाली भी और बादलों में बिजली की तड़क भी। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि संजय शुक्ल ने अपने दोहों, गजलों व गीतों के माध्यम से अपनी राय जाहिर करते हुए कहा कि उनसे तीखे सवाल करता है जान को क्यों बवाल करता है, मांगता है जवाब हाकिम से
किसलिए ये मजाल करता है। प्रख्यात चित्रकार डा. लाल रत्नाकर ने कहा कि साहित्य हमेशा स्थायी प्रतिपक्ष की भूमिका में होता है। आज कवि-लेखक-पत्रकार-कलाकार सच बोलने से डर रहे हैं। वे अपनी भूमिका को ईमानदारी से नहीं निभा रहे हैं। सुप्रसिद्ध कवयित्री वाजदा खान ने अपनी कविता नफरतों का दौर पढ़ते हुए कहा कि लोग तुम्हें अपनी शायरी अपनी नज्म में रखें तो अब यकीन मत करना, कब किताबों से, जीवन से, आकाश से निकाल दिए जाओ। प्रखर आलोचक डॉ नीरज कुमार मिश्र ने अपनी कविता ह्यआगह्ण के माध्यम से अपने उद्गार व्यक्त किए। अन्य कवियों में डा. धनंजय सिंह, विष्णु सक्सेना, सीताराम अग्रवाल, सरवर हसन सरवर, रमेश कुमार भदौरिया, दिनेश दत्त शर्मा वत्स, प्रवीण कुमार, आशुतोष कुमार श्रीवास्तव, अरविंद पथिक, नरेंद्र नागर, ममता सिंह राठौर, विनोद शर्मा ने भी अपनी कविताएं प्रस्तुत कीं। इस अवसर पर दिवंगत पत्रकार पर्यावरण योद्धा स्वर्गीय प्रशांत वत्स (सम्पादक -हरनन्दी कहिन) की स्मृति में रश्मि पाठक द्वारा प्रकाशित कविता संग्रह अब हमने थामी है मशाल का विमोचन किया गया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। प्रशांत के पिता दिनेश दत्त वत्स इस अवसर पर उपस्थित थे। पुस्तक की लेखिका रश्मि पाठक ने आबरडीन, यूके अपने बेटे के परिवार के पास जाने के कारण अपनी पहली पुस्तक के विमोचन को आनलाइन देखा। परिचर्चा में भागीदारी करते हुए सुभाष युवा मोर्चा के अध्यक्ष सत्येंद्र यादव ने कहा कि भारत विपुल संभावनाओं वाला देश है और निश्चित ही आने वाला कल भारत को विश्व में और ऊँचा स्थान दिलाएगा। पर्यावरणविद आकाश वशिष्ठ, पत्रकार जितेंद्र बच्चन, वरिष्ठ अधिवक्ता के पी सिंह एवं अशोक श्रीवास्तव ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम की शुरूआत ममता सिंह राठौर की सरस्वती वंदना से हुई। संचालन संस्थान के महासचिव प्रवीण कुमार ने किया। कार्यक्रम में गैस अथारिटी आॅफ इंडिया लिमिटेड के निदेशक संजय कश्यप के अलावा वरिष्ठ छायाकार कुलदीप, प्रशांत के बड़े भाई विवेक दत्त शर्मा, प्रमोद कुमार आदि अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।