- बुखार होने पर चिकित्सकीय परामर्श अवश्य लें
- बच्चों को विटामिन-ए की खुराक पिलाएं
हापुड़। खसरा को लेकर डरने की नहीं, बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है। बच्चे या फिर बड़े को यदि बुखार हो तो चिकित्सकीय परामर्श अवश्य लें। बच्चों की रोग प्रतिरो?धक क्षमता कमजोर होती है, इसलिए बच्चों के मामले में अतिरिक्त सतर्कता जरूरी है। यह बातें बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार त्यागी ने कहीं। उन्होंने बताया जनपद में खसरा के कुछ मामले सामने आए हैं, जिन स्थानों पर यह मामले सामने आए हैं वहां पांच वर्ष तक के सभी बच्चों को खसरा से बचाव के लिए अतिरिक्त टीके लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा बच्चों को विटामिन-ए की खुराक भी दी जा रही है। इसके साथ ही पूरे जिले में पांच वर्ष तक के बच्चों का हेड काउंट सर्वे किया जा रहा है। हेड काउंट सर्वे के बाद जनवरी से खसरा से बचाव के लिए विशेष टीकाकरण अभियान शुरू होगा।
सीएमओ डा. त्यागी ने बताया कि बझैड़ा कलां, मजीदपुरा, पिलखुवा और बड़ोदा सिहानी गांव में खसरा से बचाव के लिए अतिरिक्त टीकाकरण कार्यक्रम चल रहा है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत पांच वर्ष तक के सभी बच्चों को जहां विटामिन-ए की खुराक दी जा रही है वहीं खसरा से बचाव के लिए टीके भी लगाए जा रहे हैं। खसरा से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त व्यवस्था है, इसलिए डरने की जरूरत नहीं है। खसरा संक्रारोग रोग है, यह वायरस के कारण होता है। यह सांस के जरिए एक से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण यह बच्चों को अधिक शिकार बनाता है। बच्चों को घर में बना हुआ संतुलित भोजन कराएं। पोषण तत्वों का ध्यान रखें। अच्छा पोषण होने से बच्चा स्वस्थ होगा और उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत रहेगी। ऐसे में संक्रमण लगने का खतरा स्वत: कम हो जाएगा।
सीएमओ ने कहा कि बुखार होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर चिकित्सकीय परामर्श लें। खसरा का शुरूआती लक्षण भी बुखार ही होता है। इसके बाद शरीर पर लाल चकत्ते होते हैं, जिनकी शुरूआत सिर से होती है। संक्रामक होने की वजह से खसरा होने पर रोगी को आईसोलेशन में रखा जाना जरूरी है।
खसरा के लक्षण
सामान्य से तेज बुखार।
सूखी खांसी।
लगातार नाक बहना।
गले में खराश।
आंखों में सूजन।
शरीर पर लाल चकत्ते।