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पीएम किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों के वेरीफिकेशन का कार्य 15 दिन में हो पूरा: मुख्य सचिव

लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में किसानों तक डिजिटल सेवा की पहुंच को सुगम बनाकर उनके लाभ में वृद्धि के लिए एग्रीस्टैक-डिजिटल एग्रीकल्चर डिजिटल पोर्टल विकसित किये जाने हेतु स्टीयरिंग कमेटी की बैठक आहूत की गई। बैठक में एग्रीस्टैक-डिजिटल एग्रीकल्चर के माध्यम से किसानों तक डिजिटल सेवा की पहुंच को सुगम बनाकर उनके लाभ में वृद्धि के लिए विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि एग्रीस्टैक को प्रदेश में लागू करने से किसानों को खेती करने में आसानी होगी और किसानों को अधिक लाभ मिलेगा। इस पोर्टल को विकसित करने के लिये प्रारंभिक चरण में तीन बुनियादी ब्लॉक्स-भूमि अभिलेखों के गतिशील लिकिंग के साथ किसान डाटाबेस, गांव के नक्शे की जियो रेफरेसिंग, जीआईएस आधारित वास्तविक समय फसल सर्वेक्षण पर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एग्रीस्टैक को लागू करने हेतु विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुतीकरण किया जाये।
उन्होंने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों के वेरीफिकेशन का कार्य 15 दिन के भीतर मिशन मोड में पूरा कराया जाये। निर्वाचन की भांति लेयर सुपरविजन सिस्टम विकसित कर नियमित मॉनीटरिंग की जाये। जनपदों से डेली रिपोर्ट प्राप्त की जाये। 15 दिन के पश्चात एक भी वेरीफिकेशन अवशेष नहीं रह गया है, इसका प्रमाण पत्र सम्बन्धित लेखपाल एवं कृषि विभाग के अधिकारियों से लिया जाये। अच्छा कार्य करने वाले कर्मियों को पुरस्कृत तथा लापरवाही बरतने वाले कर्मियों को दण्डित भी किया जाये। बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी सचिव कृषि श्री अनुराग यादव, सचिव नियोजन श्री आलोक कुमार समेत सम्बन्धित विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि मौजूद थे।
कुपोषित बच्चों को टेक होम राशन के अंतर्गत अनुपूरक पुष्टाहार मुहैया कराया जाये
प्रदेश के मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र के समक्ष बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा प्रस्तुतीकरण किया गया। अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि टेक होम राशन (टीएचआर) के अंतर्गत प्रदेश के 75 जनपदों में 6 से 36 महीने की उम्र वाले बच्चों, गर्भवती महिलाओं और कुपोषित बच्चों को घरेलू इस्तेमाल के लिए पौष्टिक अनुपूरक पुष्टाहार मुहैया कराया जाए। उन्होंने कहा कि खाद्यान्न की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उच्चतम मानदंड बनाने एवं उन पर अमल करने की जरूरत है। पोषण वाटिकाएं बनाने के लिए आम जनमानस में जागरूकता लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा विकसित किए गए किचेन गार्डेन के माडल को आम जन तक पहुंचाने की जरूरत है, इससे लोगों को घर पर ही आसानी से ताजी और पौष्टिक सब्जियां मिल सकती हैं। उन्होंने कहा कि जहां-जहां बिल्डिंग बनाई जा रही है वहां पर बेहतर टेक्नोलॉजी के साथ कार्य को पूर्ण किया जाए।
बैठक में सचिव बाल विकास एवं पुष्टाहार श्रीमती अनामिका सिंह ने बताया कि एसआरएलएम द्वारा प्रदेश के 43 जनपदों में 204 टीएचआर यूनिट की स्थापना संबंधी कार्ययोजना उपलब्ध करा दी गई है तथा शेष 32 जनपदों की कार्ययोजना अपेक्षित है। इस पर मुख्य सचिव ने कहा कि अवशेष जनपदों से भी समन्वय कर कार्ययोजना शीघ्र प्राप्त करें। बैठक में सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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