लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे देश की अर्थव्यवस्था ग्राम्य आधारित अर्थव्यवस्था है। महात्मा गांधी ने स्वदेशी एवं ग्राम स्वराज्य के माध्यम से स्वावलम्बन की अवधारणा दी थी। ग्राम स्वराज्य की परिकल्पना ग्राम्य विकास के माध्यम से ही पूरी हो सकती है। देश की कृषि अर्थव्यवस्था और देश को दुनिया की एक बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में आगे बढ़ाना है तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने एवं संकल्पों के अनुरूप हमें ग्राम्य अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए कार्य करने होंगे। 8 वर्षों में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ग्राम्य विकास के साथ-साथ खेती-किसानी के विकास के लिए निरन्तर कार्य किये गये हैं।
मुख्यमंत्री यहां अपने सरकारी आवास पर पं. दीन दयाल उपाध्याय स्मृति महोत्सव समिति, मथुरा द्वारा आयोजित किसान मेला, किसान गोष्ठी एवं ग्राम्य विकास प्रदर्शनी कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पं. दीन दयाल उपाध्याय ने एक नये अर्थशास्त्र को प्रतिपादित किया था। पं. दीन दयाल उपाध्याय ने कहा था कि किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के मानक की कसौटी आर्थिक रूप से सम्पन्न लोगों से नहीं, बल्कि सबसे निचले पायदान पर बैठे व्यक्ति की आर्थिक स्थिति से होती है। पं. दीन दयाल उपाध्याय ने अन्त्योदय का विचार दिया जिसमें हर खेत को पानी तथा हर हाथ को काम और अन्तिम पायदान पर बैठे व्यक्ति के जीवन में व्यापक परिवर्तन करने का संकल्प था। उन्होंने कहा कि विगत 50 वर्षांे से दीन दयाल धाम, फरह में किसानों के विकास के लिए इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जाते रहे हैं। दीन दयाल धाम नई सोच का एक उदाहरण है। दीन दयाल धाम किसानों के लिए जो कार्य कर रहा है, वह इस देश की अर्थव्यवस्था को एक नया आयाम देगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती की लागत को कम करने एवं खेती की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने हेतु तकनीक के उपयोग पर बल दिया गया है। किसानों के जीवन में खुशहाली लाने के लिए देश में मृदा स्वास्थ्य कार्ड, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना आदि अनेक कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। आजादी के बाद पहली बार देश के किसानों को वर्ष 2018 से फसल लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से 6,000 रुपये की वार्षिक आर्थिक सहायता अन्नदाता किसानों को प्रदान की जा रही है। प्रदेश के 2 करोड़ 60 लाख किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ प्राप्त हो रहा है। प्रदेश में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का लाभ लेते हुए 21 लाख हेक्टेयर भूमि को अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा प्रदान की गयी है। प्रदेश सरकार ने अन्नदाता किसानों के नलकूप के विद्युत बिल पर काफी रियायतें प्रदान करने का कार्य किया है। आगामी 5 वर्षों में राज्य सरकार अधिकतर सिंचाई की सुविधा ट्यूबवेल के माध्यम से उपलब्ध कराएगी या प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अन्तर्गत किसानों को सोलर पैनल प्रदान कर नि:शुल्क सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार खेती की लागत को कम करने एवं उत्पादन को बढ़ाने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है। 1 लाख 80 हजार करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से प्रदेश के अन्नदाता किसानों के बैंक खातों में अन्तरित किये जा चुके हैं। राज्य सरकार ने गन्ना किसानों के बकाये भुगतान के साथ ही चीनी मिलों के पुनरुद्धार एवं आधुनिकीकरण का कार्य किया है। प्रोक्योरमेन्ट सेन्टर स्थापित करते हुए गेहूं एवं धान की रिकॉर्ड खरीद का कार्य किया गया है। अन्नदाता किसानों से मक्का, दलहन, तिलहन एवं अन्य मोटे अनाजों की खरीद की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का कार्य किया गया है। सब्जी एवं फलों के लिए फूड प्रोसेसिंग सेन्टर स्थापित किये गये हैं। मथुरा के कोसी कलां में राज्य सरकार ने पेप्सिको के साथ मिलकर फूड प्रोसेसिंग सेन्टर स्थापित करने का कार्य किया है। किसानों के लाखों कुन्तल आलू की खपत इस फूड प्रोसेसिंग सेन्टर में हो रही है, जिससे किसानों को आलू का अच्छा मूल्य प्राप्त हो रहा है। डबल इंजन की सरकार किसानों के कल्याण एवं विकास के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पूरा देश पं. दीन दयाल उपाध्याय के संकल्पों को पूरा करने की दिशा में कार्य कर रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत हर गरीब को छत, स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर घर में शौचालय जो स्वच्छता के साथ नारी गरिमा के प्रतीक हैं, उपलब्ध कराये गये हैं। हर घर नल योजना द्वारा लोगों को स्वच्छ पेयजल, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना द्वारा नि:शुल्क रसोई गैस कनेक्शन, प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना के अन्तर्गत नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन प्रदान किये गये हैं। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना द्वारा हर खेत को पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। आज प्रदेश के गांवों में एलईडी स्ट्रीट लाइटें जलती हुई दिखाई देती हैं। स्वयं सहायता समूह ग्रामीण आजीविका मिशन के साथ जुड़कर विभिन्न कार्यक्रमों को सम्पादित कर रहे हैं। साढेÞ पांच वर्ष पहले उत्तर प्रदेश का नौजवान जो पहचान के संकट से जूझता था, आज एक जनपद एक उत्पाद योजना तथा विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से जुड़कर आर्थिक स्वावलम्बन की दिशा में आगे बढ़ रहा है। यही नये भारत का नया उत्तर प्रदेश है। केन्द्र एवं प्रदेश सरकार मिलकर पं. दीन दयाल उपाध्याय जी के संकल्पों को पूरा कर रही हैं।