उत्तर प्रदेशगाजियाबाद

अवंतिका में महाराणा प्रताप जयंती समारोह में गूंजा शौर्य और बलिदान का संदेश

गाजियाबाद। महाराणा प्रताप चौक अवंतिका में स्थित दयानन्द पार्क में शुक्रवार को महाराणा प्रताप की वीरता, आत्मगौरव और बलिदान की गाथाओं से गूंज उठा, जब समस्त अवंतिकावासियों द्वारा उनके जन्मोत्सव पर एक ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं प्रेरणात्मक समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों, प्रबुद्ध नागरिकों, विद्यार्थियों, महिलाओं एवं युवाओं की बड़ी संख्या में सहभागिता देखी गई।

कार्यक्रम की क्रमबद्ध शुरूआत

समारोह का शुभारंभ प्रात: 8:30 बजे वैदिक हवन से हुआ, जिसमें क्षेत्र के वरिष्ठ नागरिकों एवं बच्चों ने भाग लिया। हवन के साथ वातावरण में पवित्रता एवं राष्ट्र चेतना का संचार हुआ। इसके पश्चात 09:00 बजे महाराणा प्रताप चौक पर माल्यार्पण कर वीर शिरोमणि को श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। लोगों ने राणा प्रताप अमर रहें, राष्ट्रगौरव राणा की जय जैसे उद्घोषों से वातावरण को गूंजायमान कर दिया। इसके पश्चात प्रात: 9:30 बजे से 12:00 बजे तक टंकी वाला पार्क में भजन व प्रवचन सत्र का आयोजन हुआ, जिसमें भक्ति, विचार और राष्ट्रप्रेम का त्रिवेणी संगम देखने को मिला।

गौरवशाली उपस्थिति और विचारमंथन

समारोह की विशेषता यह रही कि इसमें भाग लेने वाले प्रमुख अतिथियों एवं वक्ताओं ने केवल श्रद्धांजलि नहीं दी, बल्कि महाराणा प्रताप के जीवन को आज के सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक संदर्भों से जोड़ते हुए अत्यंत प्रभावशाली वक्तव्य दिए। वागीश दिनकर की ओज से भरी महाराणा प्रताप की कविताओं पर लोगों ने खूब तालियाँ बजाई और महाराणा प्रताप अमर रहे के नारे लगाए। कविता के माध्यम से राणा जी की वीरता को जीवंत किया। घास की रोटी खाई, पर शीश नहीं झुकाया। कार्यक्रम का संचालन भानु प्रताप सिसोदिया ने अत्यंत गरिमामय एवं अनुशासित रूप में किया, जिन्होंने प्रत्येक वक्ता के साथ ऐतिहासिक संदर्भों को जोड़ा। कार्यक्रम संयोजक ठाकुर राजकुमार सिसोदिया और ठाकुर सत्येन्द्र सिंह बिशेन ने पूरी लगन और समर्पण के साथ इस आयोजन को योजनाबद्ध रूप से सफल बनाया। समारोह के समापन पर आयोजन समिति ने संकल्प लिया कि प्रत्येक वर्ष महाराणा प्रताप जयंती को इसी भव्यता के साथ मनाया जाएगा। स्कूलों, कॉलेजों और समाज के बीच राणा जी के जीवन पर आधारित संगोष्ठियाँ, नाटक और पोस्टर प्रतियोगिताएं कराई जाएंगी। समाज के युवाओं को राष्ट्रभक्ति, इतिहास और सनातन संस्कृति से जोड़ने हेतु राणा प्रेरणा अभियान की शुरूआत की जाएगी। कार्यक्रम का समापन समूह राष्ट्रगान के साथ हुआ, जिसमें उपस्थित जनसमूह ने खड़े होकर भारत माता को नमन किया और महाराणा प्रताप जी के बलिदान को सच्ची श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर मनोज त्यागी (पार्षद), पवन गौतम (पार्षद), राहुल तोमर (मंडल अध्यक्ष, भाजपा),वेद प्रकाश तोमर (अध्यक्ष, आरडब्ल्यूए), धर्मवीर शर्मा (महासचिव, आरडब्ल्यूए), एच एन सिंह (पूर्व मंडल अध्यक्ष, भाजपा), अरविंद गुप्ता (अध्यक्ष, वैश्य समाज), धर्मवीर सिंह (पूर्व जनपद न्यायाधीश), एस के भदौरिया, बलदेव राज शर्मा (पूर्व राज्य मंत्री), अशोक गोयल (पूर्व राज्य मंत्री), कृष्ण वीर सिंह सिरोही (पूर्व विधायक), महेश अग्रवाल (पूर्व भाजपा अध्यक्ष ), हिमांशु मित्तल (पूर्व पार्षद), वीरेंद्र चौधरी (पूर्व पार्षद), राहुल तोमर (मंडल अध्यक्ष, भाजपा), पवन गौतम (पार्षद), बाल किशन गुप्ता (राष्ट्रीय अध्यक्ष -राष्ट्रीय व्यापार मंडल), वी पी सिंह ( अध्यक्ष – श्री शिव शक्ति मन्दिर समिति), अरुण त्यागी (अध्यक्ष, श्री हर हर महादेव सेवा समिति), नरेन्द्र गुप्ता (अध्यक्ष परमार्थ सेवा समिति), महेश चौधरी(अध्यक्ष, महादेव सेवा समिति) आदि ने भी प्रेरणास्पद विचार रखे और आयोजन को ऐतिहासिक बताया।

महाराणा प्रताप पूरे देश के नेता थे: अतुल गर्ग

मुख्य अतिथि सांसद अतुल गर्ग ने कहा की महाराणा प्रताप पूरे देश के थे उन्होंने जो बलिदान देश के लिए दिया है उसको कोई भुला नहीं सकता है। आज हम जातियों में बनते हुए हैं हमें जातिवाद से बाहर निकलकर अपने देश के लिए एकजुट होना पड़ेगा। आज देश के ऊपर संकट आया हुआ है हमें इसका डटकर मुकाबला करना है।

महाराणा प्रताप की प्रेरणा को समझने की आवश्यकता है: अजीतपाल त्यागी

अति विशिष्ट अतिथि विधायक अजीत पाल त्यागी ने कहा कि आज जब भारत वैश्विक मंच पर अपनी पहचान को स्थापित कर रहा है, तब हमें महाराणा प्रताप जैसे महापुरुषों की प्रेरणा से यह समझने की आवश्यकता है कि स्वाभिमान, आत्मनिर्भरता और संस्कृति के लिए संघर्ष करने वालों का इतिहास कभी विस्मृत नहीं होता। राणा प्रताप ने हमें सिखाया कि झुकना नहीं, जूझना ही वीरता है।

महाराणा प्रताप का जीवन केवल एक ऐतिहासिक कथा नहीं: सदानंद महाराज

अति विशिष्ट अतिथि स्वामी सदानंद महाराज ने कहा कि महाराणा प्रताप का जीवन केवल एक ऐतिहासिक कथा नहीं, बल्कि एक जीवित दर्शन है। हल्दीघाटी की लड़ाई ने दुनिया को दिखा दिया कि भारत के वीरों के लिए स्वतंत्रता और सम्मान सर्वोपरि है। हमें बच्चों को केवल उनके बारे में पढ़ाना नहीं, बल्कि उनका आदर्श बनाना चाहिए।

राजनीति और प्रशासन में नैतिकता और साहस की आवश्यकता है: मयंक गोयल

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भाजपा के महानगर अध्यक्ष मयंक गोयल ने कहा कि राजनीति और प्रशासन में नैतिकता और साहस की आवश्यकता है, जिसकी झलक महाराणा प्रताप के जीवन से मिलती है। उन्होंने सत्ता की नहीं, सिद्धांतों की लड़ाई लड़ी, आज के समय में ऐसे नेतृत्व की आवश्यकता है। राणा प्रताप ने आत्मनिर्भरता की नींव डाली, हमें उनके ‘स्वदेशी’ दृष्टिकोण को अपनाने की जरूरत है। त्याग के बिना स्वतंत्रता अधूरी है, राणा जी का जीवन इसका उदाहरण है।

बच्चों को केवल मोबाइल और मार्क्स तक सीमित नहीं करना है: एसपी सिंह

अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदस्य सरदार एस पी सिंह ने कहा कि हमें बच्चों को केवल मोबाइल और मार्क्स तक सीमित नहीं करना, बल्कि चरित्र निर्माण में राणा प्रताप जैसे आदर्शों से जोड़ना चाहिए। राणा जी का संघर्ष घर से लेकर रणभूमि तक था। वे परिवार, समाज और राष्ट्र के सच्चे रक्षक थे। राणा जी का जीवन स्वराज और संगठित समाज का प्रतीक है।

राणा प्रताप के आदर्श सनातन समाज की रक्षा का मूलमंत्र हैं: सतेन्द्र शिशोदिया

भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र सिसोदिया ने कहा कि राणा प्रताप के आदर्श सनातन समाज की रक्षा का मूलमंत्र हैं। व्यापारिक समुदाय को भी राणा जी के आत्मसम्मान और राष्ट्रप्रेम से सीख लेनी चाहिए। राणा जी का नेतृत्व, नीतिशास्त्र और समाज कल्याण का आदर्श उदाहरण है। राणा जी की नीति-न्याय दृष्टि, आज के न्याय प्रणाली के लिए भी प्रेरणास्रोत है। व्यापारिक समुदाय को भी राणा जी के आत्मसम्मान और राष्ट्रप्रेम से सीख लेनी चाहिए।

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