- ई-रिक्शा पर रोक ना हटी तो व्यापारी करेंगे आंदोलन
- पुराने बाजारों में पहले से ही होती जा रही है रौनक खत्म
गाजियाबाद। पुलिस कमिश्नर द्वारा हापुड़ रोड पर ट्रैफिक जाम की समस्या को देखते हुए ई-रिक्शा के संचालन पर रोक लगा रखी है, अब 12 सितंबर से अंबेडकर रोड पर भी ई-रिक्शा नहीं चल पाएंगी। ई-रिक्शाओं के संचालन पर रोक लगाए जाने से विभिन्न व्यापार मंडल, कांग्रेस नेता और हिन्दू रक्षा वाहिणी के अलावा रालोद नेता ने भी विरोध जताया है। सोमवार को बस अड्डे पर कांग्रेस नेता नसीम खान के नेतृत्व में ई-रिक्शा चालकों ने जहां प्रदर्शन किया था और उनका रोजगार छीनने का आरोप लगाया था वहीं मंगलवार को कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष विजय चौधरी व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नसीम खान के नेतृत्व में बड़ी संख्या में ई-रिक्शा संचालकों ने प्रदर्शन कर प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा है कि ई-रिक्शाओं के संचालन पर रोक लगाकर पुलिस-प्रशासन ने उन्हें बेरोजगारी की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है। पुलिस-प्रशासन को यदि रोक लगानी थी तो पहले सैकड़ों ई-रिक्शा चालकों को रोजगार मुहैया कराते। ई-रिक्शा न चलने से चालकों का परिवार भूखों मरने की नौबत में आ जाएगा। ,
उधर, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश उपाध्यक्ष सुभाष गुप्ता, महानगर अध्यक्ष सुभाष छाबड़ा, महानगर महामंत्री मनवीर नागर, युवा प्रदेश कोषाध्यक्ष राजू छाबड़ा, श्याम सुंदर भोला महामंत्री तुराबनगर व्यापार मंडल, सुनील चाचा वरिष्ठ उपाध्यक्ष,
हरि मेहता टाउन हॉल मार्केट अध्यक्ष, कासिम प्रधान सब्जी मंडी अध्यक्ष, संजीव लाहोरिया गोल मार्केट अध्यक्ष, विजय कक्कड़ गुड़ मंडी अध्यक्ष, उदयवीर लाडी युवा महानगर अध्यक्ष, राहुल उर्फ मुलायम युवा महानगर महामंत्री ने चेतावनी दी है कि यदि ई-रिक्शाओं का संचालन अंबेडकर रोड पर बंद किया गया तो वे सैकड़ों व्यापारियों के साथ धरने पर बैठ जाएंगे। उन्होंने कहा कि गाजियाबाद प्रशासन द्वारा ई-रिक्शा को पुराने बस अड्डे से लेकर चौधरी मोड़ तक बंद करने का जो निर्णय लिया गया है वह गलत है। आखिर व्यापारी कहां जाएगा, सरकार देख सकती है कि बाजारों में रौनक खत्म होती जा रही है 50 से 60% लोग आनलाइन शॉपिंग करने लगे हैं। प्रशासन द्वारा हर मार्केट के बाहर ट्रैफिक पुलिस वाले की ड्यूटी लगाई गई ट्रैफिक खुलवाने के लिए लेकिन उन ट्रैफिक पुलिस वालों के द्वारा ट्रैफिक नहीं खुलवाया जाता है बस चालान काटने पर ध्यान दिया जाता है। नेहरू नगर, गांधीनगर, रामनगर, कविनगर, राजनगर, शास्त्रीनगर लैंड क्राफ्ट से लोग ई रिक्शा लेकर शहर के पुराने बाजारों में आते थे और जिस दुकानदार से सामान लेना होता था वहां तक आने में किसी भी प्रकार की कोई असुविधा नहीं होती थी शहर के कोने-कोने में बाजार बनते जा रहे हैं गाजियाबाद के पुराने बाजारों में से रौनक खत्म होती जा रही है।