लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि अयोध्या में केवल श्रीराम के विग्रह रूप की प्राण प्रतिष्ठा नहीं हुई है, बल्कि यह श्रीराम के रूप में साक्षात भारतीय संस्कृति के प्रति अटूट विश्वास, मानवीय मूल्यों और सर्वोच्च आदर्शों की प्राण प्रतिष्ठा भी है। हम उत्तर प्रदेश दिवस, पर्यटन दिवस और गणतंत्र दिवस ऐसे अवसर पर मना रहे हैं, जब समूचे देश में उत्सव का माहौल चल रहा है और इस उत्सव का केंद्र है हमारा उत्तर प्रदेश। आज का दिवस प्रत्येक भारतीय को देश की गौरव-गाथा पर गर्व करने का अवसर प्रदान करता है।
राज्यपाल यहां राज भवन में उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर आयोजित अलंकरण समारोह के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रही थीं। समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी सम्मिलित हुए। राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री ने प्रदेश के खिलाड़ियों, संस्कृतिकर्मियों तथा कलाविदों को पुरस्कृत किया। उन्होंने राजभवन परिसर में 75 मीटर ऊंचे राष्ट्रध्वज का ध्वजारोहण भी किया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम और लीलाधारी श्रीकृष्ण की जन्म भूमि है। यह तथागत गौतम बुद्ध और गंगा-यमुना की पावन भूमि है। हमारा उत्तर प्रदेश अपनी स्थापना का दिवस एक नए संकल्प के रूप में आयोजित कर रहा है। आज उत्तर प्रदेश का बहुआयामी विकास न्यू इण्डिया में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। राज्य ने हर क्षेत्र में विकास के मानदण्ड स्थापित किए हैं। इससे राज्य के लोगों का जीवन आसान होने के साथ ही नए अवसरों का निर्माण भी हुआ है।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश आज देश के विकास के ग्रोथ इंजन का कार्य कर रहा है। राष्ट्रीय आय में उत्तर प्रदेश 9.2 प्रतिशत का योगदान कर रहा है। प्रदेश की बेहतर ब्राण्डिंग, व्यापार अनुकूल माहौल और निर्यात प्रोत्साहन के प्रयासों से आज प्रदेश का निर्यात 1.74 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। प्रदेश में वर्ष 2022-23 में लगभग 31.8 करोड़ पर्यटकों का आगमन हो चुका है, जिससे उत्तर प्रदेश देश का सर्वाधिक पर्यटकों वाला प्रदेश बन गया है। आज चाहे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का विकास हो या अयोध्या में विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास या ह्लप्रधानमंत्री सूर्यादय योजनाह्व से हर घर को जगमग करने का संकल्प, भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार जन-जन के जीवन को सुधारने के लिए कृत-संकल्पित होकर आगे बढ़ रही है। राज्यपाल ने कहा कि आजादी के अमृतकाल में ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी तेजी से बदलाव हो रहे हैं। आज छोटी जोत वाले किसानों को ताकत दी जा रही है, जिससे वह सशक्त हो रहे हैं। डेढ़ गुना एमएसपी, किसान क्रेडिट कार्ड का विस्तार, बीमा योजना में सुधार तथा तीन हजार रुपए की पेंशन जैसे अनेक फैसले छोटे-छोटे किसानों को सशक्त कर रहे हैं। गन्ने के भुगतान को लेकर जो परेशानियां आती थीं, उन्हें लगातार कम किया जा रहा है। आने वाले वर्ष में उत्तर प्रदेश गन्ना किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोलने वाला है। गन्ने से जो एथेनॉल बनता है, बायोफ्यूल बनता है, उसका उपयोग ईंधन में बढ़ाया जा रहा है। इसका बड़ा लाभ उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को होने वाला है।
राज्यपाल ने कहा कि जिस प्रदेश को कभी देश के विकास में एक रुकावट के रूप में देखा जाता था, वही प्रदेश आज देश के बड़े अभियानों को नई दिशा दे रहा है। शौचालय बनाने, गरीबों को अपना पक्का घर देने, उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन देने, बिजली कनेक्शन देने, पीएम किसान सम्मान निधि सहित हर योजना तथा हर मिशन में उत्तर प्रदेश सरकार ने देश के लक्ष्यों को हासिल करने में अग्रणी भूमिका निभाई है। राज्यपाल ने कहा कि आज जिस तरह उत्तर प्रदेश अपनी संस्कृति को समृद्ध करने के लिए प्रतिबद्ध है, वो दूसरे राज्यों के लिए मिसाल है। उत्तर प्रदेश सरकार तन-मन से इस काम में जुटी है। उत्तर प्रदेश आज निवेश के लिए सबसे पसंदीदा प्रदेश बनकर उभरा है। कोई उत्तर प्रदेश के धार्मिक शहरों को ट्रांसपोर्ट सेवाओं के जरिए जोड़ने के लिए निवेश करने में रूचि दिखा रहा है, तो कोई राज्य में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निवेश करने के लिए उत्साहित है। इसके अलावा डिफेंस, पेट्रोकेमिकल सेक्टर, होटल एवं डिस्टलरीज, रिन्यूअल एनर्जी, हेल्थ केयर, केमिकल इंडस्ट्री, शुगर मिल और वित्तीय सेवाओं में निवेश के लिए उद्यमी आगे आए हैं। उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा जनभागीदारी के बिना पूरी नहीं हो सकती है। राज्य के विकास में प्रदेश के हर नागरिक का महत्व है। राज्यपाल ो कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारा गणतंत्र, उत्कृष्ट लोकतांत्रिक मूल्यों व भारतीय संविधान के प्रति अखण्ड निष्ठा और विविधता में एकता की समेकित अभिव्यक्ति है। आने वाला समय सफलता और सिद्धि का है। हमारे प्रदेश के युवा भारत के उत्कर्ष, भारत के उदय, भारत के अभ्युदय और विकसित भारत के साक्षी बनें।
समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिश्रम, पुरुषार्थ, संघर्ष तथा तपस्या से स्वतंत्र भारत दुनिया की नयी ताकत के रूप में स्थापित हुआ है। नये भारत का नया उत्तर प्रदेश जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। भारत की विशिष्ट विभूतियों, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में कुछ नया किया है, उन्होंने देश के सामर्थ्य को दुनिया के सामने रखा है। जब देश गुलाम था, तब इन विभूतियों को अपनी संस्कृति, विरासत तथा अपने सामर्थ्य को प्रस्तुत करने की स्वतंत्रता नहीं थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज ही के दिन सन् 1950 में देश ने अपना संविधान लागू किया। भारत की आवश्यकता के अनुरूप संविधान निर्माण की दृष्टि से डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद के नेतृत्व में संविधान सभा ने देश के अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों, आजादी के संघर्षां, सबके महत्वपूर्ण अनुभवों और सुझावों को ध्यान में रखते हुए दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे सुन्दर संविधान उपलब्ध कराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत का संविधान सदैव समय की कसौटी पर खरा उतरा है। इसी का परिणाम है कि स्वतंत्र भारत अपने अनुरूप नीतियां और कार्यक्रम बना रहा है तथा दुनिया में अपने सामर्थ्य और शक्ति को प्रस्तुत कर रहा है। उत्तर प्रदेश दिवस इन्हीं स्मृतियों को आगे बढ़ाने का दिवस है। 24 से 26 जनवरी तक आयोजित होने वाले उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर हमें प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों की विभूतियां को सम्मानित करने का अवसर प्राप्त होता है। यह गौरव का विषय है कि कल घोषित हुए भारत के पद्म पुरस्कारों में प्रदेश के पूर्व राज्यपाल श्री राम नाईक जी सहित उत्तर प्रदेश की 12 विभूतियां शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने इसके लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यहां प्रदेश की उन विभूतियों को सम्मानित किया गया है, जिन्होंने खेल, कला तथा संस्कृति के क्षेत्र में अपना विशिष्ट योगदान दिया है। खेलों के क्षेत्र में प्रदेश का सर्वाच्च पुरस्कार पुरुष वर्ग में लक्ष्मण पुरस्कार तथा महिला वर्ग में रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार दिया जाता है। सामान्य वर्ग में अखिल श्योराण (शूटिंग) तथा राजकुमार पाल (हॉकी) को लक्ष्मण पुरस्कार तथा सुश्री किरण बालियान (एथलेटिक्स) को रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार प्रदान किया गया है। यह पुरस्कार वर्ष 2022-23 के लिए उपलब्ध कराये गये हैं। पैरा सामान्य वर्ग में अजीत सिंह (पैरा एथलेटिक्स) को लक्ष्मण पुरस्कार तथा दिव्यांगजन सामान्य वर्ग में सुश्री सिमरन (पैरा एथलेटिक्स) व सुश्री जैनब खातून (पैरा पावरलिफ्टिंग) को रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार दिया गया है। इन सभी खिलाड़ियों ने अपने-अपने क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धियां हासिल की हैं तथा अनेक युवाओं को प्रेरित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृति विभाग की स्वायत्तशासी संस्थाओं द्वारा कला जगत की विभूतियों को सम्मानित किया जाता है। इनमें डॉ. मनीष कुमार जैन को जैन शोध संस्थान, लखनऊ का जैन संस्कृति संवर्धन सम्मान, डॉ. शरण दास शास्त्री को संत कबीर अकादमी, लखनऊ का संत कबीर अकादमी सम्मान तथा सुश्री माया कुलश्रेष्ठ को बिरजू महाराज कथक संस्थान का बिरजू महाराज कथक सम्मान प्रदान किया गया है। प्रो. (डॉ.) मंजुला चतुर्वेदी, डॉ. ईश्वर चन्द्र गुप्ता तथा डॉ. सुनील विश्वकर्मा को उत्तर प्रदेश राज्य ललित कला अकादमी, लखनऊ का पद्मश्री बाबा योगेन्द्र कला सम्मान, प्रो0 मंगला कपूर तथा श्री मानवेन्द्र कुमार त्रिपाठी को उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ का आचार्य भरतमुनि सम्मान तथा श्री रामजनम योगी को उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान, लखनऊ का पागलदास लोक संस्कृति पुरस्कार प्रदान किया गया है।
कतवारू को उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान, लखनऊ का बिरसा मुण्डा जनजाति पुरस्कार, डॉ. उमाशंकर व्यास, प्रो. टासी छेरिंग तथा भन्ते डॉ. चन्द्रकीर्ति को अन्तरराष्ट्रीय बौद्ध संस्थान, लखनऊ का बौद्ध संस्कृति संवर्धन सम्मान तथा अतुल सत्य कौशिक, अतुल श्रीवास्तव तथा सुश्री रोजी दुबे को भारतेन्दु नाट्य अकादमी, लखनऊ का भारतेन्दु हरिश्चन्द्र सम्मान प्रदान किया गया है। मुख्यमंत्री ने सभी खिलाड़ियों, कलाकारों तथा संस्कृति कर्मियों को बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के नेतृत्व व मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश राजभवन केवल संविधान की व्यवस्था तक ही सीमित नहीं रहा है, बल्कि समाज के साथ जमीनी धरातल से जुड़कर भी कार्य करके दिखाया है। प्रदेश के राजभवन में अनेक परिवर्तन हुए हैं। उत्तर प्रदेश का राजभवन रचनात्मकता के अभ्युदय का केन्द्र बिन्दु बना है। राज्यपाल ने संवैधानिक उत्तरदायित्वों का निर्वहन करते हुए सामाजिक प्रतिबद्धताओं के लिए कार्य किया है।
राजभवन में आयोजित कार्यक्रमों के दौरान विधान परिषद के सभापति कुँवर मानवेन्द्र सिंह, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं ब्रजेश पाठक सहित खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरीश चन्द्र यादव, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव राज्यपाल सुधीर महादेव बोबडे, सलाहकार मुख्यमंत्री अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम, प्रमुख सचिव खेल आलोक कुमार, सचिव खेल एवं युवा कल्याण सुहास एलवाई तथा शासन के वरिष्ठ अधिकारी, खिलाड़ी, कलाविद एवं संस्कृतिकर्मी उपस्थित थे।