- एनएचएआई के कार्यालयों को टीबी मुक्त करने के लिए क्षय रोग विभाग करेगा स्क्रीनिंग
- सीएमओ ने यूपीडा को पत्र लिखकर एमओयू के मुताबिक सहभागिता प्रदान करने को कहा
- टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत सीटीडी और एनएचएआई के बीच हुआ है एमओयू
हापुड़। टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत क्षय रोग विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के साथ मिलकर काम करेगा। इस क्रम में सभी टोल प्लाजा पर टीबी के लक्षण और टीबी से बचाव व उपचार के बारे में जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। जानकारी प्रदर्शित करने के लिए सेंट्रल टीबी डिवीजन (सीटीडी) और एनएचएआई के बीच हुए मेमोरेंडम आॅफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) के मुताबिक सूबे में उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) स्थान उपलब्ध कराएगा, जबकि सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) सामग्री उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी संबंधित जिला क्षय रोग अधिकारी की होगी। इसके साथ ही एनएचएआई के सभी कार्यस्थलों पर भी क्षय रोग विभाग टीबी स्क्रीनिंग करेगा, ताकि टीबी मुक्त कार्यस्थलों को बढ़ावा दिया जा सके। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार त्यागी ने बताया कि एमओयू के मुताबिक सहभागिता प्रदान करने के लिए राज्य क्षय नियंत्रण अधिकारी की ओर से 17 जुलाई को क्षेत्रीय अधिकारी (पश्चिम) एनएचएआई को पत्र भेजा गया है, इसी क्रम में एक अगस्त को सीएमओ ने यूपीडा के जनपद हापुड़ के प्रशासनिक अधिकारी को पत्र भेजकर सहभागिता उपलब्ध कराने के लिए कहा है। उन्होंने बताया – स्थानीय स्तर पर समन्वय स्थापित कर जल्द ही एनएचएआई के कार्य स्थलों पर टीबी स्क्रीनिंग शुरू की जाएगी और यदि कोई रोगी पाया जाता है तो उसे उपचार उपलब्ध कराया जाएगा ताकि एनएचएआई के कार्यस्थलों को टीबी मुक्त कार्यस्थल घोषित किया जा सके। जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राजेश सिंह ने बताया कि जनपद हापुड़ में एनएचएआई के तीन टोल प्लाजा हैं, एनएच-9 पर छिजारसी और बृजघाट के अलावा बुलंदशहर रोड पर कुराना टोल प्लाजा पर टीबी के लक्षण और टीबी से बचाव व उपचार की जानकारी प्रदर्शित की जाएगी ताकि हाई-वे से गुजरने वाले लोगों का समय – समय पर टीबी के प्रति संवेदीकरण होता रहे। टीबी के संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए जल्दी पहचान और उपचार जरूरी है। यह तभी संभव है जब हर व्यक्ति टीबी के प्रति जागरूक होगा। फेफड़ों की टीबी सांस के जरिए फैलती है। एक रोगी उपचार शुरू होने से पहले अपने जीवन काल में 10 से 15 लोगों को संक्रमण दे देता है लेकिन जल्दी उपचार शुरू कर इसे कंट्रोल किया जा सकता है। उपचार शुरू होने के दो माह बाद रोगी से संक्रमण फैलना बंद हो जाता है। जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी ने बताया कि स्थानीय स्तर पर बुलंदशहर रोड स्थित कुराना टोल प्लाजा पर संपर्क भी किया गया है। टोल प्रबंधन को एमओयू की प्रति उपलब्ध कराते हुए जानकारी दी गई और आईईसी सामग्री भी उपलब्ध कराई गई है, साथ ही कर्मचारियों की टीबी स्क्रीनिंग के लिए शिविर की तिथि निर्धारित करने को कहा गया है। शासन से प्राप्त निदेर्शों के मुताबिक सीएमओ डा. सुनील कुमार त्यागी और डीटीओ डा. राजेश सिंह के निर्देशन में टोल प्लाजा और एनएचएआई के निर्माण स्थलों पर कार्य कर रहे शत-प्रतिशत श्रमिकों की टीबी स्क्रीनिंग की जानी है।