- गोवंश आश्रय स्थलों में पशुओं के चारे, पेयजल व साफ-सफाई की व्यवस्था दुरूस्त रखने के निर्देश
गाजियाबाद। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने निराश्रित/बेसहारा गोवंश संरक्षण की जिला स्तरीय समिति के पदाधिकारियों व सदस्यों के साथ कलेक्ट्रेट स्थित महात्मा गांधी सभाकक्ष में समीक्षा की। बैठक में जिलाधिकारी ने जनपद की तीनों तहसीलों, ब्लॉकों में स्थित समस्त गोवंश आश्रय स्थलों के सम्बन्ध में एक-एक करके विस्तार से समीक्षा की। समीक्षा के दौरान उन्होंने मुख्य तौर पर 4 बिन्दुओं पर सभी उप जिलाधिकारियों एवं समस्त खंड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह अपने-अपने क्षेत्रों में स्थित गोवंश आश्रय स्थलों में पशुओं के लिए चारे की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करायें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गोवंश आश्रय स्थलों में पशुओं के लिए टीन शेड अनिवार्य रूप से लगे होने चाहिए, जहां-जहां जिन गोवंश आश्रय स्थलों में टिन शेड की व्यवस्था नहीं है, उन गोवंश आश्रय स्थलों में खंड विकास अधिकारियों को तत्काल टिन शेड लगवाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने सभी गोवंश आश्रय स्थलों में पशुओं के लिए पीने के पानी की व्यवस्था पर्याप्त साफ-सफाई व्यवस्था कराने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने समीक्षा के दौरान कहा कि इन सभी व्यवस्थाओं का दायित्व सम्बन्धित खंड विकास अधिकारी का होगा। उन्होंने खंड विकास अधिकारियों को साप्ताहिक गोवंश आश्रय स्थलों का निरीक्षण करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी को खंड विकास अधिकारियों की भ्रमण पंजिका को मंगाकर उनका प्रतिमाह अवलोकन अवश्य करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही उन्होंने सम्बन्धित उप जिलाधिकारियों को भी माह में कम से कम 2 बार अपने-अपने क्षेत्रों में स्थित गोवंश आश्रय स्थलों का भ्रमण कर वहां पशुओं के लिए पर्याप्त चारे, पीने के लिए पानी, टिन शेड इत्यादि व्यवस्थाओं एवं गोवंश आश्रय स्थल में कितने पशु बीमार हैं और उन्हें पशु चिकित्सक द्वारा उनको क्या आहार दिया जा रहा है, इत्यादि बिन्दुओं पर सत्यापन कर आख्या मांगी है। साथ ही गो-संरक्षण केन्द्रों पर गोवंश के बीमार इत्यादि होने पर सम्बन्धित अधिकारी/कर्मचारी द्वारा उसकी सूचना तत्काल मुख्य विकास अधिकारी एवं मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी ने सभी गोवंश आश्रय स्थलों में शौचालयों की व्यवस्था भी दुरुस्त कराने के निर्देश दिये।
समीक्षा के दौरान मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल, उप जिलाधिकारी सदर देवेन्द्र पाल सिंह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. महेश आदि मौजूद रहे।