लखनऊ। प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग ग्रुप की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने पूर्वांचल, बुन्देलखण्ड, गंगा एक्सप्रेस-वे एवं गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं, डिफेन्स कॉरीडोर एवं जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्यों में तेजी लाते हुए इसे 15 अगस्त तक हर हाल में पूरा किया जाए, ताकि यह लोगों के आवागमन के लिए शीघ्र सुलभ हो सके। उन्होंने बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के मुख्य कैरिज वे को भी माह दिसम्बर तक पूर्ण करने के निर्देश दिए। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के कार्यों में तेजी लाते हुए इस भी निर्धारित समयावधि में पूरा करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य इसी माह जुलाई में ही पूरा कर निर्माण कार्य की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि इन चारों एक्सप्रेस-वे से आच्छादित क्षेत्रों में स्थित विभिन्न उत्पादन इकाइयों के साथ-साथ नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित होंगी और प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियां बढ़ेंगी। उन्होंने एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्यों के साथ ही जनसुविधाओं टॉयलेट, पेट्रोल पम्प, रेस्टोरेन्ट आदि को भी विकसित करने के निर्देश दिए ताकि इन एक्सप्रेस-वे के शुरू हो जाने पर जन सामान्य को असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि सभी एक्सप्रेस-वे पर निर्माण कार्य के साथ ही साइनेज की स्थापना और मार्ग प्रकाश की समुचित व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। बैठक में चारों एक्सप्रेस-वे की प्रगति के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण करते हुए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने अवगत कराया कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लखनऊ से प्रारंभ होकर बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ तथा गाजीपुर से होकर गुजरेगा जिसकी लम्बाई करीब 341 किमी. है। एक्सप्रेस-वे 6 लेन चौड़ा (8 लेन में विस्तारणीय) तथा संरचनाएं 8 लेन चौड़ाई की है। इस एक्सप्रेस-वे के अन्तर्गत कुल 18 फ्लाईओवर, 7 आरओबी, 7 दीर्घ सेतु, 118 लघु सेतु, 13 इंटरचेंज, 271 अंडरपास तथा 503 पुलियों का निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के सम्बन्ध में उन्होंने बताया कि इस परियोजना से जनपद चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, जौनपुर, औरैया एवं इटावा लाभान्वित होंगे। एक्सप्रेस-वे पर 4 रेलवे ओवरब्रिज, 14 दीर्घ सेतु, 6 टोल प्लाजा, 7 रैम्प प्लाजा, 268 लघु सेतु, 18 फ्लाईओवर तथा 214 अंडरपास का निर्माण कराया जा रहा है। परियोजना के अन्तर्गत समस्त कार्य तेज गति से चल रहे हैं तथा निर्धारित समयावधि में इसे पूरा कर लिया जायेगा। उन्होंने बताया कि मुख्य कैरिज-वे का निर्माण दिसम्बर तक पूरा कर लिया जायेगा। इसके अतिरिक्त गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे से जनपद गोरखपुर, अम्बेडकरनगर, संतकबीरनगर तथा आजमगढ़ जनपद लाभान्वित होंगे। एक्सप्रेस-वे 4 लेन चौड़ा (6 लेन तक विस्तारणीय) तथा संरचानाएं 6 लेन चौड़ाई की बनाई जा रही हैं। एक्सप्रेस-वे के निर्माण में 2 टोल प्लाजा, 3 रैम्प प्लाजा, 7 फ्लाईओवर, 16 व्हेकुलर अंडरपास, 50 लाइट वेहिकुलर अंडरपास, 35 पेडेस्ट्रियन, 7 दीर्घ सेतु, 27 लघु सेतु तथा 389 पुलियों का निर्माण भी किया जायेगा। 96 प्रतिशत से अधिक भूमि पर कब्जा प्राप्त हो चुका है तथा सभी प्रकार के निर्माण बड़ी तेजी से किये जा रहे हैं। माह मार्च/अप्रैल, 2022 तक मुख्य कैरिज-वे चालू हो जायेगा। जनपद मेरठ से प्रारंभ होकर जनपद प्रयागराज तक प्रस्तावित 594 किमी. लम्बे एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है तथा इस माह के अंत तक 90 प्रतिशत भूमि उपलब्ध हो जायेगी तत्पश्चात निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी। डिफेन्स कॉरीडोर की समीक्षा में बताया गया कि अलीगढ़ नोड कम्प्लीट हो गया है तथा सभी भूखण्ड आवंटित किये जा चुके हैं। अलीगढ़ में अतिरिक्त भूमि के अधिग्रहण के लिए भी कार्यवाही की जा रही है। कानपुर एवं झांसी नोड में भी आवंटन प्रारंभ हो गया है। लखनऊ नोड में भी भूमि की व्यवस्था की जा रही है तथा भूमि अधिग्रहण का कार्य प्रगति पर है। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण की समीक्षा में बताया गया कि 31 जुलाई, 2021 तक सम्पूर्ण भूमि पर कब्जा प्राप्त हो जायेगा और निर्माण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जायेगा। बैठक में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास अरविन्द कुमार, प्रमुख सचिव नियोजन आमोद कुमार एवं विशेष सचिव नागरिक उडड्यन विशाख जी. सहित सम्बन्धित सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, यूपीडा के अधिकारी आदि उपस्थित थे।