गाजियाबाद। आईएमएस इंजीनियरिंग कॉलेज में साइबर अपराध को रोकने और लड़ने के लिए नए विचारों पर एक साइबर अपराध जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्य वक्ता एसपी साइबर क्राइम यूपी प्रो. त्रिवेणी सिंह रहे। इस मौके पर उनके साथ यूपी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी अजीत सक्सेना और रीता यादव मौजूद रहे।
कार्यक्रम की शुरूआत संक्षिप्त परिचय के साथ हुई और साइबर क्राइम डिवीजन के विवरण और मेहमानों का स्वागत आईएमएस इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक डा. विक्रम बाली द्वारा किया गया। यह कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा शुरू की गई पहल का एक हिस्सा है और इस साइबर अपराध जागरूकता कार्यक्रम के संचालन के लिए आईएमएस इंजीनियरिंग कॉलेज का चयन पहले कॉलेज के रूप में हुआ।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य आज की दुनिया में हो रहे कई साइबर अपराधों जैसे पेमेंट गेटवे हैकिंग, क्रेडिट/डेबिट कार्ड धोखाधड़ी, मैलवेयर, ट्रोजन हॉर्स और अन्य दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर और वीडियो संश्लेषण, फोन कॉल क्लोनिंग, ऋण आवेदन के बारे में युवाओं को जागरूक करना था।
कार्यक्रम का उद्देश्य इंटरनेट पर हो रहे विभिन्न अपराधोंए इसके राष्ट्रव्यापी प्रसारए देश की सुरक्षा और वित्तीय स्वास्थ्यए विभिन्न राष्ट्रीय और क्षेत्रीय खतरों के बारे में जनता में जागरूकता पैदा करने पर भी केंद्रित रहा ।
वार्ता के दौरान डॉण् सिंह ने देश में हर घंटे हो रहे प्रमुख अपराधों पर प्रकाश डाला जिसमें बहुत सारे युवा शामिल हैं और छात्रों को समाज के भीतर पैदा होने वाले विभिन्न खतरों के बारे में शिक्षित किया। डॉ. सिंह ने छात्रों को विभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों से अवगत कराया। डॉ. सिंह ने विशेष रूप से साइबर क्राइम डिवीजन के संबंध में भारतीय पुलिस से संबंधित विभिन्न कैरियर विकल्पों और संभावनाओं पर छात्रों को शिक्षित किया।
अजीत सक्सेना द्वारा साइबर अपराधों के विभिन्न उदाहरणों को साझा किया गया और उन्होंने यह भी साझा किया कि हम अपने निजी जीवन में ऐसी स्थिति का सामना करने से कैसे बच सकते हैं, रीता यादव ने इस बात पर जोर दिया कि कैसे अपराधी युवाओं के खिलाफ विभिन्न अपराधों के लिए सामाजिक नेटवर्क का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने ऐसी स्थिति से बचने के लिए कई सुझाव दिए। सत्र का समापन निदेशक डा. विक्रम बाली ने अतिथियों के धन्यवाद के साथ किया।