- एसीएफ के दौरान 20 प्रतिशत आबादी की होगी स्क्रीनिंग
- संवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित कर लक्षण युक्त लोगों होगी जांच
- आवासीय परिसरों में भी चलेगा टीबी रोगी खोज अभियान
हापुड़। टीबी मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने के लिए क्षय रोग विभाग निरंतर टीबी के प्रति संवेदीकरण के साथ ही रोगियों को खोजने के प्रयास में जुटा है। विभाग एक बार फिर टीबी रोगियों को खोजने के लिए एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान शुरू करेगा। इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की उप्र मिशन निदेशक डा. पिंकी जोवल ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजा गया है। पत्र की प्रति मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) और जिला क्षय रोग अधिकारियों को भी भेजी गई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार त्यागी ने बताया कि मिशन निदेशक के पत्र में माइक्रो प्लान तैयार कर संवेदनशील क्षेत्रों में 23 नवंबर से पांच दिसंबर तक एसीएफ अभियान संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं। इस विशेष अभियान के तहत जनपद की 20 प्रतिशत आबादी की स्क्रीनिंग की जाएगी। टीबी के लक्षण युक्त (संभावित रोगियों) व्यक्तियों की जांच की जाएगी और जांच में टीबी की पुष्टि होने पर तत्काल उपचार शुरू किया जाएगा। डीटीओ को माइक्रो प्लान तैयार कराने के लिए निर्देशित किया गया है।
डीटीओ डा. राजेश सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के अन्तर्गत 23 नवंबर से पांच दिसंबर तक जनपद में एसीएफ चलेगा। स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर टीबी रोगियों को खोजेंगे। विशेष क्षय रोगी खोज अभियान के लिए सीएमओ के निर्देशन में माइक्रो प्लान तैयार किया जाएगा। अभियान में स्वास्थ्य कर्मी संभावित क्षय रोगियों को लक्षणों के आधार पर चिन्हित करेंगे। संभावित क्षय रोगियों की जांच की जाएगी और टीबी की पुष्टि होने पर 48 घंटे के अंदर उपचार शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया- अभियान के दौरान आवासीय परिसरों, जैसे अनाथालयों, वृद्धाश्रमों, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसों और छात्रावासों में कैंप आयोजित कर टीबी के प्रति संवेदीकरण किया जाएगा और लक्षण युक्त व्यक्ति के स्पुटम (बलगम) के नमूने एकत्र किए जाएंगे। जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी ने बताया – अभियान के दौरान माइक्रोप्लान के मुताबिक संवेदनशील क्षेत्रों ( घनी बस्ती और स्लम एरिया) को कवर करते हुए जनपद की 20 प्रतिशत आबादी की स्क्रीनिंग की जाएगी। स्क्रीनिंग में मिलने वाले लक्षण युक्त व्यक्तियों की जांच की जाएगी। जांच में टीबी की पुष्टि होने पर हर रोगी की सीबीनॉट जांच कराई जाएगी ताकि उसके लिए सटीक दवा का निर्धारण करने में आसानी हो। इसके साथ ही सभी रोगियों की शुगर और एचआईवी जांच भी की जाएगी और पूरा डेटा निक्षय पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जनपद में कुल 1600 क्षय रोगी उपचाराधीन हैं। इसके अलावा 527 रोगी निजी चिकित्सकों की देखरेख में उपचार ले रहे हैं।
प्राइमरी स्कूल में संवेदीकरण किया
जिला क्षय रोग विभाग की टीम ने बुधवार को दस्तोई रोड पर आदर्श नगर स्थित प्राइमरी पाठशाला में बच्चों का क्षय रोग के प्रति संवेदीकरण कार्यक्रम किया। स्कूल एक्टिविटी के अंतर्गत आयोजित कार्यशाला में एसटीएस दीपक कुमार और टीबीएचवी हरीश चंद्र ने बच्चों को क्षय रोग के लक्षण, बचाव और उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बच्चों को इस आग्रह के साथ पैम्फ्लेट वितरित किए गए कि सभी अपने घर जाकर माता-पिता को यह पैम्फ्लेट दें और कार्यक्रम के बारे में भी बताएं। किसी को खांसते देखें तो उससे यह सवाल जरूर करें कि क्या आपने टीबी की जांच कराई है, यदि नहीं कराई तो नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच अवश्य कराने के लिए कहें।