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पुष्टाहार और नियमित दवा के सेवन से पूरी तरह ठीक हो जाती है टीबी : डीटीओ

  • क्षय रोगियों के लिए आईएमए सदैव तत्पर: डा. नरेंद्र मोहन सिंह
  • आईएमए ने 20 क्षय रोगियों को गोद लेकर प्रदान किया पुष्टाहार
  • जब चाहें निशुल्क चिकित्सकीय परामर्श भी ले सकेंगे क्षय रोगी
    हापुड़
    । इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) हापुड़ ने मंगलवार को देवनंदिनी हॉस्पिटल के सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम के 20 क्षय रोगियों को गोद लेकर पुष्टाहार प्रदान किया। आईएमए के चिकित्सकों ने क्षय रोगियों से उनकी बीमारी का हाल जानने के साथ ही नियमित रूप से दवा खाने के लिए प्रेरित किया, साथ ही सभी परिजनों की टीबी जांच कराने की बात भी कही। कार्यक्रम में क्षय रोगियों को संबोधित करते हुए जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राजेश सिंह ने कहा – नियमित रूप से दवा खाने और पुष्टाहार लेने से टीबी पूरी तरह ठीक हो जाती है। जो पुष्टाहार आईएमए की ओर से प्रदान किया गया है उसका सेवन करते रहें। उपचार जारी रहने तक हर माह उन्हें पुष्टाहार मिलता रहेगा। इसके साथ ही विभाग की ओर से भी उपचार जारी रहने तक हर माह पांच सौ रुपए उनके खाते में पहुंचेंगे, यह राशि भी अच्छा पोषण लेने के लिए सरकार की ओर से निक्षय पोषण योजना के तहत दी जा रही है।
    आईएमए हापुड़ के अध्यक्ष डा. नरेंद्र मोहन सिंह ने कहा – सरकार तो क्षय रोगियों के लिए तत्पर है ही, आईएमए हापुड़ भी इस मामले में पीछे नहीं है। आईएमए की ओर से गोद लिए गए क्षय रोगियों को जरूरत पड़ने पर निशुल्क चिकित्सकीय परामर्श दिया जाएगा। उन्होंने क्षय रोगियों से उपचार के बारे में जानकारी लेते हुए नियमित रूप से दवा खाते रहने और सभी परिजनों की टीबी जांच के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा फेफड़ों की टीबी एक संक्रामक बीमारी है जो सांस के जरिए फैलती है। इसलिए अपने आसपास रहने वालों की जांच अवश्य कराएं।
    जिला पीपीएम कोआॅर्डिनेटर सुशील चौधरी ने क्षय रोगियों को क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया – कार्यक्रम के तहत टीबी की जांच और उपचार की समुचित व्यवस्था सरकार की ओर से की गई है। क्षय रोग विभाग के पास टीबी का बेहतर उपचार उपलब्ध है। क्षय रोगियों को इसका लाभ उठाना चाहिए। इस मौके पर क्षय रोगी नसरीन (काल्पनिक नाम) ने बताया – आईएमए की ओर से हमें पुष्टाहार उपलब्ध कराया गया है, अच्छा लग रहा है। आईएमए से जुड़े डाक्टरों ने जरूरत पड़ने पर हर मदद का आश्वासन दिया है, इस बात से टीबी से लड़ने की हिम्मत बढ़ गई है।
    कार्यक्रम के दौरान आईएमए हापुड़ की सचिव डा. विमलेश शर्मा, डा. श्याम कुमार, डा. गोविंद सिंह, डा. प्रवीण कुमार, डा. हरिओम सिंह, डा. एसपी सिंह, डा. आरडी शर्मा, डा. नारंग, डा. गौरव मित्तल, डा. नरेंद्र केन, दीपक चौधरी और दुष्यंत त्यागी के अलावा क्षय रोग विभाग से वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक हसमत अली और टीबीएचवी राजकुमार सिंह मौजूद रहे।

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