- बेझिझक निशुल्क कंडोम लाएं, समझदार नागरिक कहलाएं
- अनचाहे गर्भ-यौन संक्रमण से खुद बचें, जीवनसाथी को बचाएं
गाजियाबाद। ऐसे लोग जो मेडिकल स्टोर से कंडोम खरीदने में हिचक महसूस करते हैं या पैसे की तंगी के चलते उन्हें कंडोम खरीदकर इस्तेमाल करने में दिक्कत होती है, उनके लिए स्वास्थ्य विभाग निशुल्क कंडोम उपलब्ध कराता है। बड़ी बात यह है कि आपको किसी से कंडोम के बारे में बात करने की भी जरूरत नहीं है, सीधे अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं और वहां लगे कंडोम बॉक्स से अपनी जरूरत के मुताबिक कंडोम ले लें।
जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ बृजभान यादव ने बताया कि जनपद में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उप-केंद्रों पर फाइबर के पारदर्शी कंडोम बॉक्स लगाए गए हैं। इनके पारदर्शी होने से जहां लाभार्थियों को दूर से बॉक्स देखकर याद आने में मदद मिलती है वहीं बॉक्स खाली होने पर स्टाफ को तत्काल जानकारी मिल जाती है और बॉक्स फिर से भर दिया जाता है। सभी केंद्रों पर बॉक्स ऐसे स्थान पर लगाए गए हैं जहां सबकी पहुंच हो और गोपनीयता भी बनी रहे। ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर मसकूर अहमद ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिंभावली पर कंडोम बॉक्स को अस्पताल के मुख्य गेट के बगल में लगाया गया है, जिससे यह आसानी से लोगों की पहुँच में हो। उन्होंने बताया ब्लॉक के सभी उप- केन्द्रों पर भी कंडोम बॉक्स उपलब्ध हैं और इन्हें नियमित रूप से भरा जाता है।
150 स्वास्थ्य केन्द्रों पर कंडोम बाक्स की व्यवस्था : सीएमओ
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रेखा शर्मा का कहना है कि अनचाहा गर्भ रोकने के साथ ही कंडोम संक्रमण और यौन व प्रजनन स्वच्छता में मददगार होता है। इसके लिए परिवार नियोजन का एक मात्र अस्थायी साधन कंडोम अधिकतर लोगों के लिए उपयुक्त है और इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं है। इसकी उपलब्धता आमजन तक आसान हो, इसके लिए जनपद के 150 स्वास्थ्य केन्द्रों पर कंडोम पेटिका (कंडोम बाक्स) की व्यवस्था की गयी है। शेष स्वास्थ्य केन्द्रों पर इसकी स्थापना के निर्देश दे दिये गए हैं। उन्होंने बताया कि जनपद में वित्तीय वर्ष 2018-19 में 3,17,716 कंडोम वितरित किए गए। वहीं 2019 -20 में 3,82,402, 2020-21 में 406873 और 2021 -22 में 6,30,511 कंडोम वितरित किए गए।
कंडोम पेटिका को बताया उपयोगी
एक युवक ने बताया कि शादी पांच वर्ष पहले हुई थी। उनका दो साल का एक बच्चा है और अभी वह दूसरा बच्चा नहीं चाहते। इसके लिए वह कंडोम का उपयोग कर रहे हैं। योगेश का कहना है कि कई मेडिकल स्टोर पर कंडोम खरीदने जाते थे तो दूसरे ग्राहकों के सामने दुकानदार से कंडोम मांगने में शर्म आती थी, एकाध बार ऐसा भी हुआ कि मेडिकल स्टोर से बिना कंडोम लिए ही वापस आना पड़ा। अस्पताल में कंडोम पेटिका लग जाने से इस समस्या का समाधान हो गया और साथ ही पैसे भी बचने लगे। इससे भी बड़ी बात यह है कि गोपनीयता भी बनी रहती है।
क्या है कंडोम
परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. प्रवीण शर्मा ने बताया कि कंडोम परिवार नियोजन का अस्थायी साधन है। यह रबड़ का एक आवरण है जो शुक्राणुओं को महिला के गर्भाशय में प्रवेश करने से रोकता है। यह गर्भधारण को रोकने में 75 से 90 प्रतिशत तक कारगर है। इसके साथ ही यह यौन रोग व एड्स से भी बचाव करता है। अधिकतर कंडोम लेटेक्स से बने होते हैं। किसी को यदि लेटेक्स से एलर्जी होती है वह पॉलीयूरेथीन से बने कंडोम का इस्तेमाल कर सकते हैं। - कंडोम के लाभ
- बीस वर्ष से पहले यानि किशोर गर्भावस्था से बचाव
- अनचाहे गर्भ से बचाव
- दो बच्चों के जन्म के बीच तीन साल का अंतर रखने में सहायक
- उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था से बचाव
- मातृ एवं शिशु मृत्यु दर कम करने में सहायक
- यौन संचारित रोग से बचाव
- पुरुष की सहभागिता सुनिश्चित होती है
- ऐसे करें उपयोग
- हर बार नए कंडोम का इस्तेमाल करें
- पैकेट पर एक्स्पायरी डेट देख लें
- पैकेट से निकालते समय कंडोम फटना नहीं चाहिए
- इस्तेमाल के बाद कंडोम को गड्ढे में दबा दें या सुरक्षित निस्तारण करें
- यौन संबंध के दौरान यदि कंडोम फट जाए या फिसल जाए तो 24 घंटे के अंदर आपातकालीन गर्भ निरोधक का इस्तेमाल करें
- कंडोम ठंडे, शुष्क स्थान में, धूप से बचाकर रखें
- पुराने और फटे पैकेट में रखे कंडोम टूट सकते हैं