विशेषस्वास्थ्य

वर्ल्ड सीओपीडी डे पर विशेष: एयर पोलूशन से हो सकता है सीओपीडी

  • इनहेलर के प्रयोग से नहीं पड़ती आदत
    गाजियाबाद।
    हर साल 17 नवंबर को वर्ल्ड सीओपीडी डे मनाया जाता है किंतु इस वर्ष यह बहुत ही अलग है क्योंकि इसे डिजिटली मनाने पर ही ज्यादा जोर दिया जा रहा है। यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी के वरिष्ठ श्वास रोग एवं क्रिटिकल रोग विशेषज्ञ डॉ.के के पांडे, अर्जुन खन्ना और डॉक्टर अंकित सिन्हा ने बताया कि इस वर्ष दिल्ली एनसीआर में पोलूशन बहुत ही ज्यादा बढ़ा हुआ है और खतरनाक लेवल को पार कर चुका है। ऐसे में वर्ल्ड सीओपीडी मनाने के लिए मरीजों के लिए कार्यक्रम करने के अनुरोध आ रहे हैं लेकिन उन्होंने कहा सीओपीडी के मरीजों को एक साथ इकट्ठा करना है इस समय टाइम बम के समान है और इसे हेतु कोई भी कार्यक्रम फिजिकल रूप में करना उचित नहीं है। ऐसे में उन्होंने सीओपीडी के मरीजों से जागरूक रहने के लिए अनुरोध किया और कहा कि एन 95 मस्क पहन कर के ही घर से बाहर निकले और अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखें, जरूरत होने पर चिकित्सक की सलाह तुरंत लें। डॉक्टर अर्जुन खन्ना ने कहा कि विगत वर्षो की अपेक्षा इस वर्ष पलमोनरी ओपीडी में 30 प्रतिशत मरीज बढ़े हैं और जो मरीज ठीक है उन्हें समस्या बढ़ गई है और उन्हें नेबुलाइजेशन से लेकर के अस्पताल में भर्ती तक की आवश्यकता पड़ रही है।
    डॉक्टर अर्जुन खन्ना ने इस वर्ष सीओपीडी डे पर एक बहुत महत्वपूर्ण मैसेज दिया कि सीओपीडी के मरीजों को इन्हेलर लेने से इसलिए नहीं डरना चाहिए कि इसकी आदत पड़ जाएगी। उन्होंने कहा यह एक बहुत बड़ी सामाजिक भ्रांति है जिसमें मुख्यत: बच्चे अविवाहित महिलाएं और हाई प्रोफाइल के लोग इस भ्रांति में उलझ जाते हैं और ऐसे में इनहेलर का प्रयोग नहीं करते और उन्हें फेफड़ों के खराब होने का खतरा बढ़ जाता है और रिकवरी होने में भी देर लगती है। उन्होंने बताया कि इनहेलर सीधे फेफड़ों में जाते हैं और यह अधिक प्रभावकारी होते हैं साथ ही में गोलियों के होने वाले दुष्प्रभाव से भी बचाते हैं।

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