मध्यम वर्ग से बोल रहा हूं,
ना इधर,ना उधर का,
बीच में ही झूल रहा हूं,
ना गरीब ना अमीर हूं,
मारता रोज जमीर हूं,
ना होटल में जा पाऊं,
ना रेहड़ी पर खा पाऊं,
ना पहन पाऊं सूट बूट,
ना फटे हाल मैं रह पाऊं,
टीस क्या क्या है दिल में,
किसी से ना कह पाऊं,
ना इधर जा पाऊं न उधर,
बिना दिशा के डोल रहा हूं।।
मध्यम वर्ग से बोल रहा हूं।।।
होता मन गाड़ी चलाने का,
घर में खड़ी साइकिल हैं,
पेट्रोल हो गया महंगा,
बाइक चलाना मुश्किल है,
मॉल घूमने जा ना संकु,
जेब मे छाई कंगाली है,
छुपाता फिरूं सबसे मै,
जो घर में बदहाली है,
कमर महंगाई से झुकी सी,
ना होली, ना दिवाली है,
मैं गरीबी रेखा के ऊपर या नीचे,
उस रेखा को खोज रहा हूं।।
मध्यम वर्ग से बोल रहा हूं।।।
लेखक
नरेंद्र राठी
सलाहकार – श्री हरीश रावत(पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड)
सदस्य – एआईसीसी