गाजियाबाद। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की प्रांतीय सह संयोजिका रीता जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब 2014 में देश की सत्ता संभाली तो सबसे पहले बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ महाभियान का शुभारंभ किया था। उन्होंने कहा कि इस महाभियान की शुरूआत भी हरियाणा प्रदेश से की गई जहां बेटी जन्मदर कम है। उन्होंने कहा कि सात साल के भीतर इस महाभियान में बेटियों को सशक्त बनाने का काम किया गया है। श्रीमति जाययवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री जो कहते हैं उसे कर दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि पूरे देश में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ को अभियान नहीं बल्कि महाभियान के रूप में चलाया जा रहा है। दरअसल गाजियाबाद में आयोजित किए गए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत कार्यक्रम में शिरकत करने आर्इं रीता जायसवाल ने बताया कि बेटियां हमारी धरोहर हैं। संस्कृति है। इसे राजनीतिक रूप नहीं बल्कि संस्कृति से जोड़ने का काम किया जा रहा है। उन्होंने विपक्षी दल कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी द्वारा हाल ही में महिलाओं को दिए गए बयानों पर कहा कि महिलाओं को लेकर राजनीति करने की जरूरत नहीं बल्कि उन्हें मुख्यधारा में लाना का काम यदि किसी ने किया है तो वह भारतीय जनता पार्टी ने किया है। चुनाव हैं तो कांग्रेस इसे मुद्दे के रूप में ला रही है जबकि भाजपा के लिए यह मुद्दा नहीं है बल्कि संस्कृति में हैं। मां-बहने बेटियों को लेकर आगे आ रही हैं। भाजपा मां-बहने और बेटियों की सुरक्षा और उनके सम्मान की रक्षा करने के लिए कार्य करती है। कांग्रेस ने देश को कहां लाकर छोड़ा था यह पूरा देश जानता है। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यों को पूरी दुनिया सराह रही है। उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ महाभियान में पार्टी की महिला कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि पुरुष कार्यकर्ताओं का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों में महिलाओं के प्रति जो उदासीनता थी उसे दूर करने का काम भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राजनीतिक परिदृश्य में महिलाओं को संस्कृति से जोड़कर हम चल रहे हैं। मातृ शक्ति मजबूत होगी तो समाज, परिवार और देश मजबूत होगा।