गाजियाबाद। श्री सुल्लामल रामलीला में मंगलवार की रात को सीता विदाई की लीला का मंचन किया गया। श्री सुल्लामल रामलीला का मंचन पिछले 121 वर्षों से भी अधिक समय से हो रहा है। रामलीला पदाधिकारियों द्वारा ठाकुरद्वारा मंदिर पर सभी स्वरूपों की पूजा-अर्चना के बाद दो हंस के जोड़े वाली बग्गी में माता सीता की विदाई की गयी। सफेद और ऊंचे घोड़ो पर राम जी के संग भाई भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न के स्वरूपों की सुंदरता देखते बन रही थी। विदाई की डोली ठाकुरद्वारा मंदिर से दिल्ली गेट, चौपला व डासना गेट होते हुए रामलीला मैदान पहुंची। नगर में जगह जगह सीता जी व चारों भाइयों का ठोल नगाड़ों के साथ स्वागत किया गया। सभी ने फूलों की वर्षा कर स्वरूपों के भव्य दर्शन किए।
राम बारात में लाखों की संख्या में नगरवासी सम्मिलित हुए वही मौसम सुहाना होते ही रामलीला मैदान में हो रहे रामलीला मंचन को देखने के लिए राम भक्तों की संख्या में बहुत तेजी के साथ इजाफा हो रहा है। मेला भी भव्य रूप ले रहा है। माता सीता की विदाई ने लोगों को व्याकुल कर दिया। इस दृश्य को और ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए रामलीला कमेटी ने विशेष रूप से पारंपरिक डोली का प्रबंध किया था। जनकपुरी से डोली में सवार होकर माता सीता की विदाई का दृश्य इतना जीवंत रहा कि सीता जी की विदाई देखने आईं कई भक्त महिलाओं की आंखे गीली हो गई। सीता जी की विदाई की पालकी की एक झलक के लिए नगरवासी समय से पहले ही बाजार में अपने साथ पर बैठ गए। लीला मंच पर सीता जी के पहुंचने पर बधाई गीत गाये गए।
लीला में अध्यक्ष वीरू बाबा, उस्ताद अशोक गोयल, कार्यवाहक महामंत्री दिनेश शर्मा बब्बे, ज्ञान प्रकाश गोयल, राजेन्द्र मित्तल मेंदी वाले, शिव ओम बंसल, संजीव मित्तल, अनिल चौधरी, आलोक गर्ग, विनय सिंघल, नरेश अग्रवाल, अशोक, अजय गुप्ता, सुभाष बजरंगी, राजीव शर्मा, नंदकिशोर शर्मा नंदू, रविंद्र मित्तल, अतुल गुप्ता, विजय गोयल, राकेश स्वामी, सुबोध गुप्ता, श्री कांत राही, नीरज गोयल सहित समस्त पदाधिकारी, राम भक्तगण उपस्थित रहे।