गाजियाबाद। मोहननगर स्थित आईटीएस मोहननगर (स्नातक परिसर) की एनएसएस इकाई द्वारा 18 मार्च से प्रारम्भ सात दिवसीय शिविर का 24 मार्च को समापन हो गया। आईटीएस- द एजुकेशन गु्रप के चेयरमैन डॉ. आरपी चढ्डा एवं वाईस चेयरमैन अर्पित चढ्डा ने प्रसन्नतापूर्वक एनएसएस शिविर की सराहना की और आईटीएस की एनएसएस टीम को बधाई देते हुुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़ने वाला हर विद्यार्थी श्रम के महत्व को समझता है। अपने व्यक्तित्व को निखारता है और वह दूसरों से श्रेष्ठ बन जाता है आप अपने आपको किसी भी मायने में कमजोर न आंके आप मेहनत और कोशिश के द्वारा अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते है। कार्यक्रम के संचालक प्रो. अमित शर्मा ने बताया कि एनएसएस इकाई के स्वयंसेवकों द्वारा वसुंधरा में समाज के वंचित वर्ग के गरीब बच्चों व उनके परिवारों को आदर्श वाक्य के साथ आओ मिलकर भूख मिटाएं बीच खाने के पैकेट वितरित किये गये। आईटीएस के निदेशक (स्नातक परिसर) डॉ. सुनील कुमार पाण्डेय ने कहा कि एनएसएस से छात्रों में समाज सेवा की भावना का संचार होता है। शिविरों में प्रतिभाग करने से छात्रों के व्यक्तित्व में निखार आता है। एनएसएस शिविर जागरूकता के लिए मील का पत्थर साबित होगा। आप जितनी मेहनत और कोशिश करेंगे उतने ही लक्ष्य के करीब पहुँचेंगे। उन्होंने एक कविता सुनाते हुए कहा कि मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में, बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में। मुट्ठी उसकी खाली हर बार नही होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। उन्होंने समाज में फैली बुराइयों को दूर करने के लिए सभी लोागों को एकजुट होने की अपील की। छात्र-छात्राआें ने शिविर में जो सीखा है, वह उस पर पूरी तरह से अमल करे।
वाईस प्रिंसिपल प्रो. नैंसी शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना व्यक्तित्व विकास का पूर्ण मंच है। इसके द्वारा छात्र-छात्राओं का चौमुखी विकास होता है। राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम छात्र-छात्राओं को सामाजिक मूल्यों एवं उनके प्रति संवेदनशील बनाते है। उन्होंने स्वयंसेवकों से शिविर में सीखी गई बातों को जीवन में उतारने की बात कही। राष्ट्रीय सेवा योजना का उद्देश्य समाज सेवा के प्रति जागरूक करना है। इसलिए हमारे मन में सेवा एवं सहयोग की भावना होनी चाहिए। शिविर में सात दिनों तक अच्छा कार्य करने के लिए छात्र-छात्राएं बधाई के पात्र हैं। कार्यक्रम में संस्था के शिक्षक तथा कर्मचारी जिनमें प्रो. अमित शर्मा, विकास त्यागी, डॉ. संदीप गर्ग, प्रो. विकास कुमार, प्रो. आदिल खान, प्रो. नीरज जैन, प्रो. अनुभा श्रीवास्तव, प्रो. प्रशान्त त्यागी और प्रो. बरखा कक्कड़ एवं बीबीए तथा बीसीए पाठ्यक्रमों के छात्रों ने भाग लिया।