- पोषण के प्रति संवेदीकरण को हर सप्ताह होंगी अलग-अलग गतिविधियां
- पोषण माह के अंतिम सप्ताह में होगा सैम-मैम बच्चों का चिन्हांकन
हापुड़। सितंबर माह पोषण माह के रूप में मनाया जाएगा। माह के पहले पखवाड़े में महिला एवं बाल कल्याण विभाग और स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग मिलकर बच्चों की स्क्रीनिंग करेंगे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा और एएनएम मिलकर छह वर्ष तक के बच्चों की लंबाई और वजन की जांच करने के लिए अभियान चलाएंगी। इसके साथ ही पहले सप्ताह में यानि एक से सात सिंतबर तक पोषण वाटिका के रूप में पौधरोपण अभियान चलाया जाएगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी ज्ञान प्रकाश तिवारी ने बताया पोषण माह के आयोजन के संबंध में शासन से गाइडलाइन प्राप्त हो गई हैं। गाइडलाइन के मुताबिक अभियान की तैयारी शुरू कर दी गई है। मंगलवार को प्रमुख सचिव (महिला एवं बाल विकास) पोषण माह के संबंध में संबंधित विभाग के साथ बैठक करेंगी। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया जनपद में जून माह के दौरान जनपद में छह वर्ष तक के कुल 88079 बच्चों की स्क्रीनिंग की गई थी। स्क्रीनिंग के दौरान सैम (अति-कुपोषित) और मैम (कुपोषित) श्रेणी में कुल 530 बच्चे चिन्हित किए गए थे। इन बच्चों को पुष्टाहार उपलब्ध कराने के साथ ही माता-पिता की काउंसलिंग की गई और चिकित्सकीय सहायता भी उपलब्ध कराई गई। समेकित बाल विकास योजना के प्रयास से अब केवल 363 बच्चे सैम-मैम श्रेणी में रह गए हैं। उन्हें लगातार पुष्टाहार के जरिए सुपोषित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। सितंबर माह में एक से 15 तारीख तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा और एएनएम फिर से बच्चों की स्क्रीनिंग की करेंगी। उन्होंने बताया पोषण माह के पहले सप्ताह के दौरान एक से सात सितंबर तक पौधरोपण अभियान के जरिए पोषण वाटिका तैयार की जाएंगी। आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूलों और पंचायत भवन परिसर में उपलब्ध भूमि पर किचन गार्डन तैयार किए जाएंगे। गर्भवती को बेहतर पोषण के प्रति जागरूकता के लिए स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिता कराई जाएंगी। इसके साथ ही सबसे अच्छी पोषण वाटिका प्रतियोगिता कराई जाएगी। पहले सप्ताह के दौरान गर्भवती के लिए कोविड टीकाकरण संवेदीकरण कार्यक्रम भी चलाया जाएगा। पोषण माह का दूसरा सप्ताह ह्लपोषण के लिए योगा और आयुषह्व को समर्पित होगा। बेहतर पोषण के लिए आयुष में उपलब्ध विकल्पों की जानकारी दी जाएगी और साथ ही कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए गर्भवती, स्कूली बच्चों और किशोरियों के लिए योगा सत्र आयोजित किए जाएंगे। गर्भवती के ?लिए पोषक भोजन हेतु रेसिपी प्रतियोगिता आयोजित की जाएंगी।
16 से 23 सितंबर (तीसरा सप्ताह) के दौरान पुष्टाहार का वितरण किया जाएगा। पुष्टाहार में क्षेत्रीय पोषाहार जैसे पंजीरी आदि शामिल किए जाएंगे। स्थानीय पोषक भोजन को लेकर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता टेक होम राशन का इस्तेमाल करते हुए रेसिपी का प्रदर्शन करेंगी। चौथे सप्ताह में 24 से 30 सितंबर तक ब्लॉक वार सैम-मैम बच्चों का चिन्हीकरण किया जाएगा और उन्हें जरूरी चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। पुष्टाहार वितरण के साथ ही सैम-मैम बच्चों की जल्दी पहचान के लिए सामुदायिक स्तर पर संवेदीकरण किया जाएगा।