- खसरा मुक्त अभियान के लिए हैड काउंट सर्वे के लिए भी दिया गया प्रशिक्षण
हापुड़। हर माह की 15 तारीख को सभी चिकित्सा इकाइयों पर मनाए जाने वाले निक्षय दिवस, नियमित टीकाकरण, एएनसी (प्रसव पूर्व जांच) और खसरा मुक्त अभियान के लिए शुरू किए जा रहे हैड काउंट सर्वे को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों का संवेदीकरण किया गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सिंभावली-सिखेड़ा पर आयोजित संवेदीकरण कार्यक्रम में चिकित्सा अधीक्षक डा. अमित बैंसला, जिला पीपीएम कोआर्डिनेटर सुशील चौधरी, एसटीएस गजेंद्र पाल सिंह, ब्लॉक कम्यूनिटी मैनेजर रविंद्र मावी, ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर मशकूर अहमद और यूनिसेफ से बीएमसी अंसार ने सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों का संवेदीकरण किया।
जिला पीपीएम कोआर्डिनेटर सुशील चौधरी और एसटीएस गजेंद्र पाल सिंह ने सिंभावली ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) को निक्षय दिवस के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा – प्रधानमंत्री के आह्वान पर देश को 2025 तक टीबी मुक्त करने के लिए क्षय रोग विभाग तमाम कार्यक्रम चला रहा है। इसी क्रम में अब हर माह की 15 तारीख को सभी चिकित्सा इकाइयों पर निक्षय दिवस का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन का उद्देश्य क्षय रोगियों की जल्दी पहचान, गुणवत्तापूर्ण इलाज और रोगियों के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी देना है। विभाग का प्रयास है कि अधिक से अधिक लोग टीबी के लक्षणों के बारे में जानें ताकि रोगी की जल्दी पहचान हो सके। जल्दी पहचान और उपचार शुरू करके ही भारत को टीबी मुक्त किया जा सकता है। बीसीपीएम रविंद्र मावी और बीपीएम मशकूर अहमद ने प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) और परिवार नियोजन के बारे में संवेदीकरण किया और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर पहुंचने वाले अधिक से अधिक लोगों को इस संबंध में जागरूक करने के लिए प्रेरित किया।
बीएमसी अंसार ने नियमित टीकाकरण की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा नियमित टीकाकरण की चेन टूटने पर खसरा जैसे संक्रमण के मामले सामने आते हैं, इसलिए टीकाकरण का सुरक्षा चक्र बनाए रखने के लिए आमजन को जागरूक करें। उन्होंने खसरा से बचाव के लिए विशेष टीकाकरण अभियान के लिए हेड काउंट सर्वे के बारे में भी विस्तार से बताया। बता दें कि मीजल्स – रूबेला (एमआर) के टीके से वंचित पांच वर्ष तक के बच्चों का चिन्हांकन हेड काउंट सर्वे में किया जाना है। जनवरी, फरवरी और मार्च में तीन चक्रों में इन बच्चों को एमआर का टीका लगाया जाएगा। चिकित्सा अधीक्षक डा. अमित बैंसला ने संवेदीकरण कार्यक्रम की अध्यक्षता की।