गाजियाबाद। मुरादनगर स्थित आईटीएस डेन्टल कॉलेज के ओरल मेडिसिन एंड रेडियोलॉजी, ओरल पैथोलॉजी एवं पब्लिक हैल्थ डेन्टिस्ट्री विभागों के द्वारा बीडीएस इंटर्न्स के लिये दो दिवसीय क्लीनिकल एकेडमिक एनहेन्समेंट कोर्स के दूसरे मॉड्यूल का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में 100 इंटर्न्स ने भाग लिया जिसमें छात्रों को तीन समूह में विभाजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को दंत चिकित्सा के क्षेत्र में उनके क्लीनिकल ज्ञान में वृद्धि के साथ-साथ उन्हें नवीनतम उपचार की प्रक्रियाओं से अवगत कराना था। इस दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान पहले समूह को ओरल मेडिसिन एंड रेडियोलॉजी विभाग की फैकल्टी द्वारा इमर्जिंग रोल आफ सी.बी.सी.टी.- ए. 3 डी. इमेजिंग मोडेलिटी इन डेन्टिस्ट्री विषय पर विभिन्न व्याख्यान एवं हैंड्स-आॅन प्रस्तुत किये गये जिसमें उन्होंने सभी छात्रों को सी.बी.सी.टी. के उपयोग की मूल प्रक्रिया के बारे में पूर्ण जानकारी दी गयी। इसके साथ ही उन्होंने सी.बी.सी.टी. के प्रमुख और अन्य 2डी. और 3डी. इमेजिंग तौर-तरीकों के अंतर को रेखांकित किया तथा छात्रों को इमेज इंटरप्रिटेशन, नर्व ट्रेसिंग और आर्टिफैक्ट्स के बारे में प्रशिक्षित किया गया। इसके साथ ही छात्रों को इम्प्लांट प्लानिंग करने में सी.बी.सी.टी. की भूमिका पर हैंड्स-आॅन दिया गया और इसके साथ-साथ सिर और गर्दन के हिस्से के विभिन्न प्रकार की हड्डी की गुणवत्ता का आकलन करने के लिये सी.बी.सी.टी. सॉफ्टवेयर का अभ्यास करने के साथ छात्रों को इमेज को पढ़ने एवं व्याख्या करने के लिये भी प्रशिक्षित किया। ओरल पैथोलॉजी विभाग की फैकल्टी द्वारा भी अटैनिंग द मैक्सिमम प्रिसिशन इ नचेयर साइड एंड नॉन इनवेसिव मेथोडोलोजिज इन डायग्नोसिस एंड रिसर्च विषय पर विभिन्न व्याख्यान प्रस्तुत किये गये जिसमें उन्होंने सभी छात्रों को बताया कि वह कैसे दंत चिकित्सा के अभ्यास में रिसर्च एवं विभिन्न प्रकार के अध्ययन करके अपने ज्ञान को बढ़ा सकते हंै। इसके साथ ही उन्होंने पीसीआर कार्यप्रणाली और मौलिक अनुसंधान में इसके महत्व के बारे में छात्रों को अवगत कराया तथा छात्रों को जीनोमिक्स की भूमिका के बारे में भी बताया गया। कार्यक्रम के दौरान छात्रों को पीसीआर कार्यप्रणालियों के मूल सिद्धांतों के बारे में बताया गया एवं इसके साथ-साथ इस विषय पर हैंड्स-आॅन भी दिया गया। इसके बाद छात्रों के साथ फंडामेंटल आफ सिस्टेमैटिक रिव्यू के बारे में पूर्ण चर्चा की गयी। पब्लिक हैल्थ डेन्टिस्ट्री विभाग की फैकल्टी के द्वारा भी सभी छात्रों को पेरियोडोंटल डिजीज, ओरल कैंसर और टूथ वियर रिस्क असेसमेट विषय पर विभिन्न व्याख्यान प्रस्तुत किये गये। जिसमें उन्होंने छात्रों को इस विषय से जुड़े जोखिमों एवं उसके मूल्यांकन से अवगत कराया तथा छात्रों को पेरियोडोंटल रिस्क असेसमेंट टूल का उपयोग करके पेरियोडोंटल रिस्क असेसमेंट पर हैंड्स-आॅन दिया गया। इसके बाद छात्रों ने विशेषज्ञ की निगरानी में रोगियों पर इसका अभ्यास भी किया। इसके बाद छात्रों को कैम्ब्रा विषय पर एक व्याख्यान प्रस्तुत किया गया और छात्रों को मरीज पर बेसिक इरोसिव वेयर एग्जामिनेशन (बीईडब्ल्यूई) और टूथ वियर इवैल्यूएशन सिस्टम का उपयोग करके टूथ वियर रिस्क असेसमेंट पर एक हैंड्स-आन दिया गया तथा डेमोंस्ट्रेशन भी दिया गया। जिसके उपयोग से सभी छात्र रोगियों को बेहतर उपचार प्रदान कर सकते हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से सभी छात्रों को क्लीनिक एवं एकेडमिक के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ ज्ञान प्राप्त हुआ जिसके लिये सभी ने आईटीएस-द एजुकेशन ग्रुप के चेयरमैन डॉ. आरपी चड्ढा तथा वाईस चेयरमैन अर्पित चड्ढा को धन्यवाद दिया।