नई दिल्ली। सावन माह देवो के देव भगवान शिव को समर्पित है। सावन माह के प्रत्येक सोमवार को शिव की विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है। शिव भक्त पूरी श्रद्धा के साथ इस महीने का इंतजार करते हैं। इस माह के प्रत्येक सोमवार को पूजा करने का विशेष पुण्य प्राप्त होता है। शिव को प्रसन्न करने के लिए महिलाएं सोलह सोमवार का व्रत पूरी श्रद्धा के साथ रखती हैं। इसी माह में शिव भक्त कांवड की यात्रा आयोजित करते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन माह में भगवान शिव का अभिषेक करना बहुत ही फलदायी होता है, इसलिए सावन में लोग रुद्राभिषेक कराते हैं। सावन मास भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे उत्तम माह माना जाता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, श्रावण मास का प्रारंभ आषाढ़ पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा के समापन के साथ होता है। सावन माह हिन्दू कैलेंडर का 5वां माह होता है। इस वर्ष सावन माह 25 जुलाई दिन रविवार को प्रारंभ हो रहा है। इसका समापन 22 अगस्त दिन रविवार को होगा।
सावन माह में हर दिन पावन माना जाता है लेकिन सोमवार का दिन विशेष होता है। सावन सोमवार का व्रत करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। इस वार सावन में 04 सोमवार व्रत पड़ रहे हैं। पहला सावन सोमवार व्रत 26 जुलाई को, दूसरा सावन सोमवार व्रत 02 अगस्त को, तीसरा सावन सोमवार व्रत 09 अगस्त को और चौथा सावन सोमवार व्रत 16 अगस्त को है।
सावन माह का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस माह में शिव की पूजा से भक्तों की सभी मुरादें पूरी होती हैं। इस माह में सोमवार के व्रत से शीघ्र फल प्राप्त होता है। इस माह में शिव की पूजा से विवाह में आने वाली दिक्कतें दूर हो जाती हैं। सावन में शिव पूजा से सभी तरह के दुख की समाप्ति होती है। शिव पूजा से हमारे समस्त पाप का नाश होता है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।
श्रावण माह में पड़ने वाले सोमवार व्रत
26 जुलाई को पहला सावन सोमवार व्रत
02 अगस्त को दूसरा सावन सोमवार व्रत
09 अगस्त को तीसरा सावन सोमवार व्रत
16 अगस्त को चौथा सावन सोमवार व्रत