सत्येन्द्र सिंह को मिला महत्वपूर्ण दायित्व, बने इंडियन काउंसिल आफ इंडस्ट्रियल मैनेजमेंट के चेयरमैन

- 25 वर्षों का है श्रम कानूनों व पर्यावरण संरक्षण का अनुभव
गाजियाबाद। भारत के औद्योगिक विकास, प्रशिक्षण और नीति-निर्माण के क्षेत्र में कार्यरत अग्रणी संस्था इंडियन काउंसिल आफ इंडस्ट्रियल मैनेजमेंट (आईसीआईएम) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सत्येन्द्र सिंह को अपना चेयरमैन नियुक्त किया है। श्रम कानूनों, कारपोरेट अनुपालन और पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों में सत्येन्द्र सिंह का दो दशकों से अधिक का अनुभव उन्हें इस पद के लिए अत्यंत उपयुक्त बनाता है। सत्येन्द्र सिंह न केवल भारत के जाने-माने लेबर लॉ एडवाइजर हैं, बल्कि उन्होंने विभिन्न उद्योगों में ओद्योगिक सुरक्षा, सामाजिक जवाबदेही और पर्यावरणीय अनुपालन से जुड़ी नीतियों के निर्माण में भी सक्रिय योगदान दिया है। उनकी कार्यशैली हमेशा सतत विकास, कानूनी पारदर्शिता और श्रमिक हितों के संरक्षण पर केंद्रित रही है।
वे वर्षों से उत्थान समिति जैसी सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से औद्योगिक श्रमिकों और कारपोरेट प्रोफेशनल्स के सशक्तिकरण के लिए काम करते आ रहे हैं। उनकी नियुक्ति को औद्योगिक जगत में एक सकारात्मक और दूरदर्शी कदम के रूप में देखा जा रहा है।
आईसीआईएम: औद्योगिक नेतृत्व का मंच
इंडियन काउंसिल आफ इंडस्ट्रियल मैनेजमेंट (आईसीआईएम) एक ऐसा मंच है, जहां उद्योग जगत के वरिष्ठ अधिकारी, मैनेजर्स, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, कंपनी सेक्रेटरीज, विधिक सलाहकार, एचआर व एडमिन प्रमुख, सीईओ और वाइस प्रेसिडेंट्स एक साथ मिलकर औद्योगिक प्रबंधन के उच्चतम मानकों को बढ़ावा देने हेतु कार्य करते हैं। यह संस्था उत्तर प्रदेश सरकार से प्रमाणित है और औद्योगिक प्रशिक्षण व कौशल विकास के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित नाम बन चुकी है।
सत्येन्द्र सिंह की अध्यक्षीय घोषणा
नवनियुक्त चेयरमैन सत्येन्द्र सिंह सिंह ने पदभार संभालते ही अपने विजन को साझा करते हुए कहा कि आईसीआईएम का उद्देश्य केवल प्रशिक्षण देना नहीं, बल्कि भारत की औद्योगिक संस्कृति को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। हम पूरी तरह से एकीकृत सिस्टम और प्रक्रियाओं को बढ़ावा देंगे जो उद्योगों की दक्षता, गुणवत्ता और अनुपालन को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगी। उन्होंने आगे कहा कि हमारी प्रतिबद्धता है कि हम एक ऐसा ढांचा बनाएं जिसमें हर उद्योग और कारपोरेट संस्था नवाचार, रणनीति और सामाजिक जिम्मेदारी के साथ कार्य करे। आईसीआईएम उन सभी व्यावसायिक इकाइयों के लिए एक मार्गदर्शक बनेगा जो कानूनसम्मत, सुरक्षित और टिकाऊ विकास की ओर अग्रसर होना चाहते हैं।
प्रमाणित प्रशिक्षण की विस्तृत श्रृंखला
आईसीआईएम द्वारा प्रदान किए जाने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम भारतीय कानूनों और अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित हैं। इनका उद्देश्य तकनीकी दक्षता के साथ-साथ नैतिकता और सामाजिक उत्तरदायित्व का भी विकास करना है।
संस्था निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए संरचित, प्रमाणित और उद्देश्यपरक प्रशिक्षण प्रदान करती है:–
- औद्योगिक श्रमिकों के लिए सुरक्षा और अनुपालन आधारित प्रशिक्षण
- कॉरपोरेट प्रोफेशनल्स के लिए प्रबंधन, ईएसजी और पॉलिसी ट्रेनिंग
- विद्यार्थियों एवं नवस्नातकों को इंडस्ट्री रेडी बनाने हेतु सर्टिफिकेशन कोर्स
- फैक्ट्री प्रबंधन और एचआर टीमों के लिए श्रम कानूनों, PoSH, और फैक्ट्री अधिनियम पर प्रशिक्षण
- एनजीओ व सीएसआर कार्यकतार्ओं के लिए सामाजिक और पर्यावरणीय प्रशिक्षण
दो दशकों से अधिक का अनुभव, एक स्थायी दृष्टिकोण
आईसीआईएम के प्रशिक्षकों को 20 से अधिक वर्षों का व्यावसायिक अनुभव प्राप्त है। उनकी विशेषज्ञता केवल तकनीकी ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि उसमें औद्योगिक नैतिकता, सामाजिक सरोकार, पर्यावरणीय न्याय और श्रमिक कल्याण जैसे पहलू भी शामिल हैं।
श्री सत्येन्द्र सिंह के नेतृत्व में आईसीआईएम का उद्देश्य है:
- भारतीय उद्योगों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना
- कॉरपोरेट्स को कानूनी और नैतिक दृष्टि से सशक्त बनाना
- सरकार, उद्योग और समाज के बीच सहयोग को मजबूत करना
- स्थायी, सुरक्षित और समावेशी औद्योगिक विकास सुनिश्चित करना
इस महत्वपूर्ण नियुक्ति को लेकर उद्योग जगत में हर्ष और उत्साह का वातावरण है। उम्मीद की जा रही है कि सत्येन्द्र सिंह के नेतृत्व में आईसीआईएम नई ऊंचाइयों को छुएगा और भारतीय औद्योगिक परिदृश्य को अधिक संगठित, सुरक्षित और प्रभावशाली बनाने में अग्रणी भूमिका निभाएगा।