गाजियाबाद। संजयनगर जैन मंदिर में दसलक्षण पर्व के उपलक्ष्य में चल रहे समारोह में भगवान बाहुबली व भरत के जीवन चरित्र पर नाटक का मंचन किया गया। नाटक का मंचन संजय नगर महिला समिति द्वारा किया गया। नाटक का शुभारम्भ मंगलाचरण से किया गया। नाटक में दिखाया गया कि अयोध्या नगर के राजा ऋषभदेव ने सृष्टि को आगे बढाने के लिए प्रजा को असि, मसि व कृषि का ज्ञान दिया। पुत्रों बाहुबली व भरत को शिल्प और युद्ध कलाओं में प्रवीण किया तो वहीं पुत्री ब्राम्ही को अक्षर व व्याकरण का ज्ञान दिया तथा पुत्री सुंदरी को अंक व गणित विद्या में पारंगत किया। यहीं से ज्ञान का आरम्भ हुआ, जो आज पूरे विश्व को शिक्षित व संस्कारित करने का काम कर रहा है। महाराज ऋषभदेव के साधक बन जाने, राजा बाहुबली व सम्राट भरत के बीच हुए युद्ध, बाहुबली के सिद्ध शिला वासी हो जाने के प्रसंग को देखकर सभी भाव-विभोर हो गए। राखी, इंदु, राशि, प्रगति, रचना, अर्शी, सोनिया, पूनम, संभव, श्रेयांश, शिजु, तमन्ना, मिल्की, अतिशय का अभिनय नाटक के आकर्षण का केंद्र रहा। तकनीकी सहयोग दिव्यांश जैन ने दिया।