लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि विश्व की सभी तीर्थ यात्राओं का जो लाभ होता है, उससे भी ज्यादा लाभ अकेले मथुरा व ब्रज की यात्रा से मिल जाता है। भगवान श्रीकृष्ण से लेकर मीराबाई तक ब्रज का गुजरात से अलग ही रिश्ता रहा है। श्रीकृष्ण गुजरात जाकर ही द्वारकाधीश बने थे। राजस्थान से मथुरा-वृन्दावन जाकर प्रेम की धारा बहाने वाली संत मीराबाई ने अपना अन्तिम जीवन द्वारका में ही बिताया था। संत मीराबाई की भक्ति बिना वृन्दावन के पूरी नहीं होती है।
प्रधानमंत्री भगवान श्रीकृष्ण की अनन्य भक्त संत मीराबाई की 525वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में जनपद मथुरा में ब्रजरज उत्सव-2023 के अन्तर्गत आयोजित संत मीराबाई जन्मोत्सव के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी भी कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने संत मीराबाई के सम्मान में स्मारक डाक टिकट तथा 525 रुपये के विशेष स्मारक सिक्के का विमोचन किया। इस अवसर पर सांसद हेमा मालिनी द्वारा संत मीराबाई के जीवन चरित्र पर आधारित लघु नाटिका एवं भाव नृत्य भक्त मीरा-बैले की प्रस्तुति की गयी। जिसका प्रधानमंत्री, राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री सहित जनप्रतिनिधियों तथा उपस्थित जनसमुदाय ने अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को स्मृति स्वरूप लड्डू गोपाल की प्रतिमा भेंट की। इस अवसर पर संत मीराबाई के जीवन चरित्र पर एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। प्रधानमंत्री ने परिसर में स्थापित विभिन्न विभागों की विकासपरक योजनाओं के स्टॉल्स तथा प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इसके पूर्व, प्रधानमंत्री ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मन्दिर में दर्शन-पूजन किया। ज्ञातव्य है कि संस्कृति मंत्रालय तथा हस्तशिल्प मंत्रालय भारत सरकार, उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग, उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद तथा जिला प्रशासन के सहयोग से रेलवे ग्राउण्ड में ब्रजरज उत्सव-2023 का आयोजन किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि संत मीराबाई का जन्मोत्सव भारत की सम्पूर्ण संस्कृति और परम्परा का उत्सव है। यह नर और नारायण, जीव और शिव तथा भक्त और भगवान में अभेद मानने का भी उत्सव है। मीराबाई ने भक्ति व अध्यात्म की अमृत धारा बहाकर भारत की चेतना को सींचा था। उनकी श्रद्धा में आयोजित यह कार्यक्रम हमें भक्ति के साथ-साथ भारत के शौर्य और बलिदान की याद दिलाता है।
भारत हमेशा से नारी शक्ति का पूजन करने वाला देश रहा है। हमारे देश की महिलाओं ने हमेशा जिम्मेदारियां उठायीं हैं और समाज का मार्गदर्शन किया है। मीराबाई इसका एक प्रखर उदाहरण हैं। कन्हैया की नगरी में सम्बोधन, संवाद, सम्मान सभी कुछ राधे-राधे कहकर ही होता है। जब कृष्ण के पहले राधा लगता है, तब उनका नाम पूरा होता है। मीराबाई मध्यकाल की महान महिला तथा महान समाज सुधारक और पथप्रदर्शक थीं। मीराबाई हमें अपने मूल्यों से जुड़े रहने की सीख देतीं हैं। वे किसी भी विघ्न से नहीं डरती, अपना कार्य लगातार करने की प्रेरणा देती है। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि जब-जब देश की चेतना पर प्रहार हुआ, तब-तब एक जागृत ऊर्जा पुंज ने भारत को दिशा दिखाई। इस पुण्य कार्य के लिए कोई योद्धा तो कोई संत बना। भक्तिकाल के हमारे संत इसका अप्रतिम उदाहरण हैं। दक्षिण में आलवार तथा नयनार संत तथा श्री रामानुजाचार्य जैसे संत थे। वहीं उत्तर भारत में कबीरदास, तुलसीदास, रविदास और सूरदास जैसे संत हुए। पंजाब के गुरुनानक देव, बंगाल के चैतन्य महाप्रभु, पश्चिम में गुजरात में नरसी मेहता तथा महाराष्ट्र के तुकाराम और नामदेव जैसे संतों का प्रकाश पूरी दुनिया में फैला।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी संतों की अलग-अलग भाषा, बोली, रीति-रिवाज तथा परम्पराएं थीं, लेकिन सबका संदेश और उद्देश्य एक ही था। देश के अलग-अलग क्षेत्रों से निकली भक्ति और ज्ञान की धाराओं ने एक साथ मिलकर पूरे भारत को जोड़ दिया। मथुरा भक्ति आन्दोलन की विभिन्न धाराओं की संगम स्थली रही है। भगवान श्रीकृष्ण के आशीर्वाद से यह भक्ति धारा आज भी अनवरत जारी है। ब्रज के बारे में हमारे संतों ने कहा है कि वृन्दावन जैसा पवित्र वन कहीं और नहीं है। नन्दगांव जैसा पवित्र गांव नहीं है। यहां के वंशी वट जैसा वट नहीं है और कृष्ण के नाम जैसा कल्याणकारी नाम नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ब्रज क्षेत्र भक्ति व प्रेम की भूमि तो है ही, यह साहित्य, संगीत, संस्कृति और सभ्यता का भी केन्द्र है। इस क्षेत्र ने मुश्किल से मुश्किल समय में भी देश को सम्भाले रखा, लेकिन आजादी के बाद ब्रज भूमि विकास से वंचित रही। आजादी के अमृतकाल में पहली बार देश गुलामी की मानसिकता से बाहर आया। हम अपनी विरासत पर गर्व की भावना के साथ आगे बढ़ रहे हैं। काशी में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम, उज्जैन में श्री महाकाल के महालोक में दिव्यता के साथ भव्यता के दर्शन हो रहे हैं। केदार घाटी में केदार जी के दर्शन कर लाखों लोग धन्य हो रहे हैं। अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर के लोकार्पण का समय आ गया है। मथुरा और ब्रज भी विकास की इस दौड़ में पीछे नहीं रहेंगे।
प्रधानमंत्री ने ब्रज के विकास के लिए उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद की स्थापना के लिए प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह परिषद श्रद्धालुओं की सुविधा और तीर्थ के विकास के लिए अनेक कार्य कर रही है। ब्रजरज महोत्सव जैसे कार्यक्रम विकास की धारा में अपना प्रकाश बिखेर रहे हैं। यह पूरा क्षेत्र कान्हा की लीलाओं से जुड़ा हुआ है। मथुरा-वृन्दावन, भरतपुर, करौली, आगरा, फिरोजाबाद, कासगंज, पलवल, बल्लभगढ़ जैसे इलाके अलग-अलग राज्यों में आते हैं। भारत सरकार का प्रयास है कि सभी राज्य सरकारों के साथ मिलकर इस पूरे क्षेत्र का विकास किया जाए।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री जी का स्वागत करते हुए कहा कि संत मीराबाई की 525वें जन्मोत्सव की स्मृतियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री का यहां आगमन हुआ है। संत मीराबाई भगवान श्रीकृष्ण की अनन्य भक्त थीं। वे मेवाड़ की रानी और संत रविदास की शिष्या भी थीं। संत मीराबाई समता और ममता दोनों की प्रतीक हैं। मेरे तो गिरिधर गोपाल दूसरो न कोई के माध्यम से वे भक्ति की पराकाष्ठा पर पहुंची। भगवान श्रीकृष्ण के अनुरागी परमभक्त के रूप में संत मीराबाई का दर्शन भारत सहित पूरी दुनिया करती है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री का ब्रजभूमि में आगमन सबके लिए नई प्रेरणा है। उत्तर प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में विकास और विरासत की परम्परा को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए निरन्तर कार्य करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत की सीमाएं सुरक्षित हुई हैं। प्रधानमंत्री ने विगत साढ़े नौ वर्षों में देश की हर समस्या को समाधान के लक्ष्य तक पहुंचाया है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत के सर्वांगीण विकास की कार्ययोजना बनाते हुए उनका प्रभावी क्रियान्वयन हुआ है। यह नये भारत के रूप में विकसित और एक भारत श्रेष्ठ भारत की रूपरेखा दुनिया के सामने प्रस्तुत करती है। यह भारत विकास भी करता है और गरीब कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू भी करता है। यह नया भारत अपनी विरासत पर गौरव की अनुभूति भी करता है और उन विरासतों के पुनरुद्धार की कार्ययोजना को व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ाते हुए आने वाली पीढ़ी के लिए नयी प्रेरणा भी प्रदान करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत साढ़े नौ वर्षों से देश ने नये भारत का दर्शन किया है। नये भारत का वैश्विक मंच पर सम्मान बढ़ा है। जब प्रधानमंत्री दुनिया में कहीं भी जाते हैं तो उनका अभूतपूर्व सम्मान होता है। इससे भारत की 142 करोड़ की आबादी गौरवान्वित महसूस करती है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में योग तथा कुम्भ को वैश्विक मान्यता मिली है। इसी श्रृंखला में मथुरा और यहां के सभी तीर्थ इस अभियान का हिस्सा बने हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में काशी विश्वनाथ धाम, उत्तराखण्ड का केदारपुरी, महाकाल का महालोक तथा ब्रजभूमि देश व दुनिया को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। यह हमें नये गौरव की अनुभूति करा रहे हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अयोध्या में वह भी सम्भव हुआ है, जो असम्भव लग रहा था। अब लोग 22 जनवरी का इन्तजार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और नेतृत्व में मथुरा-वृन्दावन को नगर निगम का दर्जा दिया गया है। उ0प्र0 ब्रज तीर्थ विकास परिषद के माध्यम से मथुरा-वृन्दावन, बरसाना, गोकुल तथा नन्दगांव सहित यहां के सभी 07 तीर्थों को विकसित करने की कार्ययोजना को आगे बढ़ाया गया है। परिषद के माध्यम से यहां की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने तथा उनके विकास के कार्य किए जा रहे हैं। वृन्दावन क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बुनियादी सुविधाओं का विस्तार करने का प्रयास किया गया है। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।