- उपचार जारी रहने तक उपलब्ध कराया जाएगा पुष्टाहार
- उपचार जारी रहने तक अपना मोबाइल नंबर न बदलें क्षय रोगी : डिप्टी डीटीओ
गाजियाबाद। क्षय रोगी उपचार शुरू करते समय क्षय रोग विभाग को जो मोबाइल नंबर उपलब्ध कराते हैं, उसे उपचार जारी रहने तक अवश्य चालू रखें। कई क्षय रोगी ऐसा नहीं करते और सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं से तो वंचित रह जाते हैं, साथ ही दवा को लेकर विभाग की ओर से किया जाने वाला फालोअप भी नहीं हो पाता। यह बातें बृहस्पतिवार को उप – जिला क्षय रोग अधिकारी (डिप्टी डीटीओ) डा. अनिल यादव ने जिला क्षय रोग केंद्र पर आयोजित क्षय रोगी एडॉप्शन कार्यक्रम के दौरान कहीं।
डा. यादव ने क्षय रोगियों को संबोधित करते हुए कहा कि क्षय रोगी का पंजीकृत मोबाइल नंबर बदल जाने या बंद हो जाने से भारत सरकार की ओर से क्षय रोगियों के लिए स्थापित किए गए कॉल सेंटर से कॉल आना भी संभव नहीं हो पाता। इन सारी दिक्कतों से बचने के लिए अपना मोबाइल नंबर चालू रखें और यदि किसी मजबूरीवश नंबर बदल गया है तो विभाग को बिना कोई देरी किए नया नंबर उपलब्ध करा दें।
उन्होंने क्षय रोगियों का आह्वान किया कि अपने परिजनों की टीबी जांच अवश्य कराएं। क्षय रोग के उपचार के दौरान उच्च प्रोटीन युक्त भोजन जरूरी होता है। इसके लिए सरकार की ओर से निक्षय पोषण योजना के तहत हर माह पांच सौ रुपए की राशि उनके बैंक खाते में भेजी जाती है। इसके लिए बैंक पासबुक की फोटोकॉपी और आधार कार्ड देना जरूरी है। क्षय रोगियों को बताया गया कि नियमित उपचार के बाद टीबी पूरी तरह ठीक हो जाती है। चिकित्सक के कहे बिना अपना मर्जी से दवा न छोडें, नहीं तो टीबी बिगड़ जाती है और उसका उपचार सामान्य टीबी के मुकाबले मुश्किल होता है। इस मौके पर आरएचएएम फाउंडेशन की ओर से 75 क्षय रोगियों को गोद लेकर पुष्टाहार उपलब्ध कराया गया। संस्था गोद लिए गए क्षय रोगियों को उपचार जारी रहने तक हर माह पुष्टाहार के साथ ही भावनात्मक और सामाजिक सहयोग भी उपलब्ध कराएगी। कार्यक्रम के दौरान क्षय रोग विभाग से वरिष्ठ प्रयोगशाला पर्यवेक्षक संजय यादव, जिला पीपीएम समन्वयक दीपाली गुप्ता, एसटीएस नीरज शर्मा और टीबीएचवी ज्ञानेंद्र सिंह व पूजा चौहान मौजूद रहीं।