पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगे, हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने सीएम ममता बनर्जी की शव यात्रा निकाली

-सामाजिक संगठन व हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय पर किया प्रदर्शन
गाजियाबाद। पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा और हिंसा में हिन्दुओं के जान-माल को हो रहे नुकसान से हिन्दू संगठनों में उबाल है। मंगलवार को अखिल भारतीय हिंदू महासभा/ परमार्थ सेवा ट्रस्ट/ विश्व ब्रह्मऋषि ब्राह्मण महासभा के तत्वावधान में गाजियाबाद में विरोध प्रदर्शन किया गया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की ममता बनर्जी की शव यात्रा निकाल कर उसे अग्नि के हवाले किया गया। ब्रह्मऋषि विभूति बीके शर्मा हनुमान ने कहा कि पश्विम बंगाल में जो हिन्दुओं के साथ हो रहा उससे शर्मनाक और कुछ नहीं हो सकता है। पश्चिम बंगाल में आतंक व अराजकता अपने चरम पर है। हिन्दुओं को दूसरे जगहों पर शरण लेनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि मुर्शिदाबाद में जिस तरह हिंदुओं को चुन-चुनकर निशाना बनाया गया और उनके घरों के साथ मंदिरों पर हमले किए गए, उससे यही स्पष्ट हो रहा है कि नए वक्फ कानून का विरोध करने वाले न केवल सांप्रदायिक घृणा में डूबे हैं, बल्कि उन्हें यह भरोसा भी है कि ममता बनर्जी की सरकार और उनकी पुलिस उनके खिलाफ कुछ नहीं करने वाली। मुर्शिदाबाद के हिंदुओं को पड़ोसी राज्य झारखंड में जाकर शरण लेनी पड़ रही है।
परमार्थ सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष वीके अग्रवाल ने कहा कि पश्चिम बंगाल पुलिस के नाकारापन का ही दुष्परिणाम है कि मुर्शिदाबाद के साथ ही अन्य शहरों में भी वक्फ कानून के विरोध की आड़ में हिंसा हो रही है। खतरनाक यह है कि इस दौरान हिंदुओं को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है। कोलकाता उच्च न्यायालय ने वक्फ कानून विरोधियों की अराजकता से उपजे हालात का संज्ञान लिया और हिंसा ग्रस्त इलाकों में केंद्रीय सुरक्षा बल तैनात करने का आदेश दिया है। वीके अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार और उसके नेता यह झूठ देश के गले में उतारने में लगे हुए हैं कि बंगाल में स्थितियां नियंत्रण में हैं। हद तो यह है कि तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेता हिंसा के लिए बीएसएफ को दोष देने में लगे हुए हैं। आवश्यक केवल यह नहीं है कि केंद्र सरकार अराजकता में डूबे बंगाल में हस्तक्षेप करने के लिए आगे आए, बल्कि यह भी है कि सुप्रीम कोर्ट वहां के हालात का स्वत: संज्ञान ले। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के नेता विजय मोहन, वीरेंद्र कंडेरा, श्रीकांत मलिक, रंजीत पोद्दार, अभिजीत दत्ता, विनीत कुमार शर्मा, मिलन मंडल, अर्जुन मंडल, अमल विश्वास, एन एस तोमर, पार्थो दास, छोटेलाल कनौजिया, ऋषि पाल शर्मा, अरुण गुप्ता, ब्रंजन विश्वास आदि लोग उपस्थित थे।