- नौ सरकारी अस्पतालों में हैं 11 आक्सीजन प्लांट
- कमेटी में एक टैक्नीकल एक्सपर्ट भी शामिल
गाजियाबाद। कोविड के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार है। यह बात मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने कही। उन्होंने कहा आमजन कोविड प्रोटोकॉल का अच्छे से पालन करें। मॉस्क और दो गज की दूरी, ओमिक्रॉन से बचाव में भी कारगर रहेगी। उन्होंने कहा कोविड की दूसरी लहर के दौरान स्वास्थ्य विभाग के पास आक्सीजन की व्यवस्था नहीं थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। जनपद के नौ सरकारी अस्पतालों में 11 आक्सीजन प्लांट चालू हालत में हैं। किसी प्लांट में कोई चूक न हो जाए, इस बात की निगरानी के लिए चार सदस्यीय एक कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी आॅक्सीजन कंसंट्रेटर भी जांच करेगी।
सीएमओ डा. शंखधर ने बताया कि आक्सीजन प्लांट की निगरानी के लिए गठित की गई कमेटी में जिला सर्विलांस अधिकारी (डीएसओ) डा. राकेश गुप्ता के अलावा अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) डा. सुनील त्यागी और दो टैक्नीकल एक्सपर्ट शामिल किए गए हैं। यह कमेटी सभी अस्पतालों में जाकर आक्सीजन प्लांट्स का निरीक्षण करेगी और यदि किसी प्लांट में कोई खामी सामने आती है तो उसे तत्काल दूर भी कराएगी। इसी के साथ निगरानी के लिए गठित कमेटी आॅक्सीजन कंसंट्रेटरों की भी जांच करेगी और सभी अच्छी तरह से काम कर रहे हैं, इस बात आश्वस्त होने के साथ सीएमओ को भी रिपोर्ट करेगी। जिला सर्विलांस अधिकारी डा. राकेश गुप्ता ने बताया स्वास्थ्य विभाग के पास आठ सौ से अधिक आक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध हैं।
आक्सीजन प्लांट वाले सभी अस्पताल कोविड अस्पताल बनाए जा सकेंगे
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. भवतोष शंखधर ने कहा है कि जनपद के जिन सरकारी अस्पतालों में आॅक्सीजन प्लांट उपलब्ध हैं, जरूरत पड़ी तो उन सभी अस्पतालों को कोविड अस्पताल बनाया जा सकेगा। इसके लिए अभी से होमवर्क शुरू कर दिया गया है। बता दें कि जिला एमएमजी अस्पताल, जिला महिला अस्पताल और संयुक्त जिला अस्पताल के अलावा डासना, मुरादनगर, मोदीनगर और लोनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आॅक्सीजन प्लांट स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा भोजपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आॅक्सीजन प्लांट सुचारू रूप से काम कर रहा है।