गाजियाबाद कमिश्नरेट में लागू हुई पुलिस बीट व्यवस्था, पुलिस आयुक्त ने प्रेस कान्फ्रेंस कर दी पूरी जानकारी

गाजियाबाद। नवनियुक्त पुलिस आयुक्त जे रविन्द्र गौड़ ने जन केन्द्रित पुलिस व्यवस्था शुरू की है, जिसके तहत कानून व्यवस्था एवं अपराध पर नियंत्रण के लिए बीट व्यवस्था में सुधार किया है। पुलिस लाइंस में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान पुलिस आयुक्त ने बताया कि बीट प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए थानों में बनाई गई प्रत्येक बीट पर मुख्य आरक्षी, महिला आरक्षी व बीट उपनिरीक्षक का नामवार आवंटन किया गया। जिन्हें बीट उप निरीक्षक कहा जाएगा। इसी कड़ी में सबंधित थाना प्रभारी द्वारा थाने में आयोजित होने वाले जनसपर्क कार्यक्रमों में बीट उपनिरीक्षक व बीट पुलिस आफिसर को अपने साथ रखकर उनकी जनसामान्य से पहचान कराई जाएगी। प्रत्येक थाने में 10-15 फीसदी महिलाओं द्वारा प्रतिनिधित्व किया जाएगा। किसी भी बीट की जनसंख्या पांच हजार से अधिक नहीं होगी। पुलिस आयुक्त ने इसके लिए 2096 बीटों का गठन किया है। जिनका पर्यवेक्षण 717 बीट उपनिरीक्षकों द्वारा किया जाएगा। जिसमें नगर जोन में 512, ट्रांस हिडन जोन में 693 और ग्रामीण क्षेत्र में 891 बीट बनाई गई हैं। इस सबंध में बीट पुलिस आफिसर के कर्तव्य भी निर्धारित किए गए हैं जिसमें वह जनसपर्क के दौरान जनता से मृदुल व्यवहार करेंगे। बीट से सबंधित सभी अस्पताल, मेट्रो स्टेशन, बैंक, धार्मिक स्थल, सोसायटी, मॉल्स, गांव मौहल्ले आदि महत्वपूर्ण स्थानों की जानकारी रखेंगे। इसके अलावा बीट पुलिस वेरीफिकेशन और गैर जमानतीय वारंट को तामील कराने का काम भी करेंगे। इतना ही नहीं बीट पुलिस अधिकारी विवाद की संभावना होने पर 126,135,170 बीएनएसएस की कार्रवाई कर सकेगा। गश्त के दौरान वह गणमान्य लोगों के सपर्क में रहेंगे। वाट्सऐप ग्रुप बनाकर सूचना का आदान-प्रदान करेंगे। जनता से लगातार संवाद बनाकर रखेंगे। पुलिस आयुक्त जे रविन्द्र गौड़ ने बताया कि जनकेंद्रित पुलिसिंग का उद्देश्य है नागरिकों की भागीदारी से एक सुरक्षित, पारदर्शी और उत्तरदायी पुलिस व्यवस्था का निर्माण करना है। यह मॉडल पुलिस और जनता के बीच विश्वास को केन्द्र में रखता है। नागरिकों की सुविधा के लिए जनकेन्द्रित पुलिस व्यवस्था का गठन किया गया है। इसके तहत नागरिकों को सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।