पीएम श्री प्राथमिक विद्यालय, कविनगर में एक पेड़ मां के नाम कार्यक्रम आयोजित

- सीएम योगी के जन्मदिवस पर बच्चों ने प्रकृति को समर्पित की सौगात
गाजियाबाद। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पीएम श्री प्राथमिक विद्यालय, कविनगर में एक विशेष वृक्षारोपण कार्यक्रम एक पेड़ मां के नाम 2.0 का आयोजन संकल्प और उत्साह के साथ सम्पन्न हुआ। यह दिन और भी ऐतिहासिक बन गया क्योंकि आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जन्मदिवस भी है। उनका जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पंचूर गांव में हुआ था। 1994 में उन्होंने संन्यास लेकर राष्ट्र सेवा को जीवन का उद्देश्य बनाया और आज वे उत्तर प्रदेश की जनता के लिए प्रेरणास्त्रोत बन चुके हैं। उनका जन्मदिन स्वयं विश्व पर्यावरण दिवस पर पड़ना, उनके जीवन मूल्यों व पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। कार्यक्रम के मुख्य जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अतिथि ओ.पी. यादव
ने पर्यावरण शिक्षा को बाल्यकाल से ही जीवनशैली का हिस्सा बनाने का आह्वान किया। विशिष्ट अतिथि सेल्फ फाइनेंस प्रोग्रेसिव स्कूल प्रबंधक संगठन के महानगर अध्यक्ष नरेंद्र कुमार बिल्लू, इन्होंने निजी शिक्षण संस्थानों की भूमिका को रेखांकित करते हुए समाज में पर्यावरण चेतना फैलाने का आह्वान किया। खंड शिक्षा अधिकारी नगर क्षेत्र इश्क लाल, डॉ. अभिषेक यादव ने प्राथमिक शिक्षा में पर्यावरणीय सोच को समावेशित करने पर बल दिया। परियोजना अधिकारी श्रीमती नेहा ने पर्यावरण संरक्षण में सरकारी योजनाओं और सामुदायिक सहभागिता को अनिवार्य बताया।
गीतांजलि फाउंडेशन की संस्थापिका वंदना चौधरी, साथी फाउंडेशन की संस्थापिका काजल छिब्बर, एसआरजी पूनम शर्मा
ने महिला सहभागिता और मातृत्व को हरियाली से जोड़ते हुए अभियान एक पेड़ माँ के नाम को आत्मा प्रदान की।
खंड शिक्षा अधिकारी विश्वजीत राठी ने विद्यार्थियों और शिक्षकों को पर्यावरण प्रहरी बनने के लिए प्रेरित किया।
किड्स किंगडम एकेडमी एंड डे केयर की शिक्षिका मनमाया की उपस्थिति ने कार्यक्रम को बाल शिक्षा व बाल सहभागिता की दृष्टि से विशेष गरिमा प्रदान की। विद्यालय परिसर एवं विद्यालय के सामने नगर निगम पार्क में लगभग 100 से अधिक पौधों का रोपण किया गया, जिन्हें बच्चों और शिक्षकों ने माँ के नाम समर्पित कर भावनात्मक जुड़ाव भी स्थापित किया।
कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन प्रधानाध्यापक राजकुमार ने अतिथियों का आत्मीय स्वागत करते हुए पूरे आयोजन को प्रेरक, अनुशासित एवं भावनात्मक स्वरूप प्रदान किया।