गाजियाबाद। मेरठ रोड स्थित एचआरआईटी समूह आफ इंस्टीट्यूशंस में पावन चिंतन धारा आश्रम के सौजन्य से गुरु मां डॉ. कविता अस्थाना ( भारतीय ज्ञान अनुसंधान संस्थान की निदेशक), अंजुल अग्रवाल (संस्थान के वाइस चेयरमैन), वैशाली अग्रवाल (प्रबंध निदेशक) एवं समूह निदेशक डॉ. एन.के. शर्मा की देखरेख में हुआ। इस महत्वपूर्ण अभियान में बहुत से लोगों ने अपना योगदान दिया और धरती को बचाने के इस संकल्प को समर्पित किया। यह अभियान धरती की संरक्षा के लिए वृक्षारोपण के महत्व को संचालित करने का एक महान प्रयास है। अभियान के अंतर्गत विभिन्न स्थानों पर पौधरोपण का कार्यक्रम आयोजित किया गया जहां वृक्षारोपण के महत्व एवं जागरूकता सत्र भी आयोजित किया गया। अभियान की शुरूआत करते हुए वैशाली अग्रवाल, अंजुल अग्रवाल ने वृक्षारोपण करते हुए अभियान की महत्ता को समझाया। उन्होंने इस प्रयास का महत्व और उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। गुरु मां डॉ. कविता अस्थाना ने छात्रों को धरती संरक्षण के लिए अपनी जिम्मेदारी को समझाया और सभी छात्रों को वृक्षारोपण में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
यह अभियान एक महत्वपूर्ण संकल्प है जिसमें धरती की संरक्षा एवं पर्यावरणीय सुरक्षा के प्रति हमारा योगदान है। इस अभियान के माध्यम से हम वृक्षारोपण के महत्व को समझा रहे हैं और धरती के प्राकृतिक संतुलन को सुरक्षित रखने के लिए अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं। हमें गर्व है कि इस अभियान में शामिल होकर हमारे छात्र संस्थान और समाज के लिए अपना सहयोग दे रहे हैं। पावन चिंतन धारा आश्रम, यूवा प्रकल्प, यूथ अवेकनिंग मिशन के अन्तर्गत सम्पन्न हुए इस कार्यक्रम में गुरु मां डॉ. कविता अस्थाना, डॉ. संजय अंदुरकर, रोहित केसरी, गर्वित विज आश्रम परिवार सदस्य , आश्रम विद्यार्थियों व एचआरआईटी के छात्रों व शिक्षकों एवं मौजूद लोगों के साथ यह अभियान संपन्न हुआ। और हमें गर्व है कि हमने इस महत्वपूर्ण पहल का हिस्सा बनाया। हम सभी को सादर नमन करते हैं जो इस अभियान के सफल संपन्न होने में अपना योगदान दिया। हमारा उद्देश्य धरती को बचाने और पर्यावरणीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने में एकजुट होना है और हम इस पथ पर अविरत प्रगति कर रहे हैं। कार्यक्रम की सफलता में डॉ.निर्दोष अग्रवाल, सीएन सिन्हा, डॉ. अनिल त्यागी, डॉक्टर एमके जैन, डॉक्टर आरके राय, डॉ. शबनम, रंजना शर्मा, डॉ. अरविंद राठौर, अलका बंसल, धर्मेंद्र, अतुल भूषण व वैभव सिंह का विशेष योगदान रहा।