
गाजियाबाद। समाजसेवी महेश आहूजा की अध्यक्षता में सुख सागर फॉर्म हाउस के सभागार में विभाजन पीड़ित सनातनी संघर्ष समिती की बैठक हुई। बैठक में 1947 के विभाजन काल में विस्थापित हिदुओं के संदर्भ पर विस्तार से चर्चा की गई। वर्तमान के पाकिस्तान में छूटी हिंदुओं की संपत्ति व उनके मूल स्वामी एवं उनके उत्तराधिकारी कौन हैं? इस पर भी चर्चा हुई। अधिवक्ता विनय कक्कड़ ने कहा कि 1947 में विभाजन के समय हिन्दुओं को अपनी सभी चल अचल संपत्ति पाकिस्तान छोड़कर आनी पड़ी थी। जबकि मुस्लिमों ने वर्ष 1950 तक पाकिस्तान से वापिस आकर अपनी जमीनों से लेकर अन्य चल अचल संपत्ति को बेचा और नुकसान की भरपाई की। तत्कालीन भारत सरकार ने पाकिस्तान गए मुस्लिमों को यह सुविधा दी थी लेकिन पाकिस्तान की तरफ से ऐसी कोई कोशिश कभी नहीं की गई। तत्कालीन वक्फ बोर्ड ने विभाजित भारत की ही कई अचल संपत्तियों को मनमाने तरीके से बिना किसी वजह के ही अपना मालिकाना हक जताकर कब्जा लीं। इसलिए वर्तमान वक्फ बोर्ड की सभी सपत्तियों में उन सभी सनातनी समुदाय को अधिकार मिलना चाहिए जो पाकिस्तान से अपना सबकुछ छोड़ भारत में आए थे। बैठक में गुरी जनमेजा, गुलशन भांबरी, सतीश चौपड़ा, अजय गंभीर, राजकुमार मल्होत्रा, नरेश ढींगरा, अनिल अरोड़ा, संजीव अग्रवाल, आर के गोयल, आशा चौधरी, सौरभ सब्बरवाल एवं विनय कक्कड़ आदि मौजूद रहे।