गुरु अर्जुन देव के शहीदी दिवस पर गुरुद्वारा में हुई विशेष अरदास, मीठे शर्बत की छबील व लंगर लगाया गया

गाजियाबाद। शुक्रवार को गुरु अर्जुन देव का शहीदी मनाया गया। सभी गुरुद्वारों साहब के बाहर आम संगत के लिए मीठे जल की छबील लगाई गई। गुरुद्वारा जी ब्लॉक कविनगर में शहीदों के सरताज पंचम गुरु धन धन साहिब श्री गुरु अरजन देव जी के शहीदी दिवस पर मानवता के लिए दी गई उनकी शहादत पर कीर्तन व गुरुवाणी के पश्चात ठंडे जल की छबील लगाई गई। इस अवसर पर भाजपा महानगर अध्यक्ष मयंक गोयल ने भी गुरुद्वारे में माथा टेककर श्रद्धासुमन अर्पित किए। गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष रविन्दर सिंह जौली ने सरोपा व चित्र भेंटकर उनका समान किया। महानगर अध्यक्ष मयंक गोयल ने कहा कि सिख गुरुओं ने मानवता के लिए शहादत देकर समाज को मानवता की राह दिखाई। इस अवसर पर सरदार एसपी सिंह, गुरमिन्दर सिंह, ज्ञानी राजेन्द्र सिंह, महेन्द्र सिंह, एससी धींगडा, हेमन्त, सचिन व राजेश आदि मौजूद रहे। बजरिया गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में भी शहीदी दिवस मनाया गया। गुरुद्वारा साहिब में पिछले एक माह से स्त्री सत्संग के द्वारा निरंतर सुखमणि साहब के पाठ चल रहे थे उसकी आज समाप्ति हुई, अरदास हुई फिर लंगर वितरित किया गया और सब ने फिर ठंडे जल की सेवा की और खुद भी ग्रहण किया। छबील की सेवा करते समय स्त्री सत्संग की समस्त टीम गुरुद्वारे के प्रधान सरदार इंद्रजीत सिंह टीटू, महामंत्री एसपी सिंह ओबेरॉय, वीर खालसा दल के अध्यक्ष कुलविंदर सिंह ओबेरॉय, जगमोहन कपूर, सरदार कुलदीप सिंह, सरदार अवतार सिंह, हरदीप ओबेरॉय व दारा सिंह आदि मौजूद रहे।
बता दें कि सिख धर्म के पंचम गुरु थे गुरु अर्जन देव जी महाराज, गुरु अर्जन देव जी को शहीदों के सरताज एवं शान्तिपुंज के नाम से जाना जाता है। गुरु अर्जन देव जी ने गुरु ग्रंथ साहिब जी के पहला संकरण की रचना की थी जिसमें तीस रागों में गुरु जी की वाणी संकलित है। श्री गुरुग्रंथ साहिब में सर्वाधिक वाणी पंचम गुरु की ही है। ग्रन्थ साहिब का सम्पादन गुरु अर्जुन देव जी ने भाई गुरदास की सहायता से 1604 में किया था। उन्होंने मानव-कल्याण के लिए उन्होंने आजीवन शुभ कार्य किए।