देहरादून। उत्तराखंड प्रदेश में जल्दी ही राज्य के बाहर के लोगों के लिए भूमि अथवा किसी भी तरह की संपत्ति खरीदने पर रोक लग सकती है। मिली जानकारी के मुताबिक निकट में ही होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सत्ता दल के विरोधी कांग्रेस पार्टी अपने अगले चुनावी घोषणा पत्र में यह घोषणा करने जा रही है कि वो सत्ता में आई तो आते ही समूचे उत्तराखंड में अन्य किसी भी राज्य के लोगों के लिए संपत्ति की खरीद-बिक्री पर रोक लगा देगी। बताया जाता है कि कांग्रेस की इस संभावित घोषणा से पहले ही सत्ताधारी भाजपा एक विशेष अध्यादेश लाकर अपने भूमि नियमों में परिवर्तन करने जा रही है। इस नए नियम के चलते अब कोई भी बाहरी व्यक्ति उत्तराखंड में कोई जमीन या मकान बिना सरकार की पूर्व अनुमति के नहीं खरीद पाएगा। अभी तक यह नियम था कि ढाई सौ वर्ग गज तक की भूमि पहाड़ी क्षेत्रों के ग्रामीण इलाकों में बिना सरकारी अनुमति के भी खरीदी जा सकती थी लेकिन अब इस सुविधा पर जल्द ही रोक लग सकती है। सरकार के इस बदलने जा रहे नए नियम से वहां पहाड़ी क्षेत्रों में काम कर रहे अन्य प्रदेशों के बड़े-बड़े बिल्डरों में बेचैनी पैदा हो गई है। इन बिल्डरों को अब अपनी नई बड़ी आवासीय योजनाओं पर खतरे के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं।
बताया जाता है कि पिछले कुछ सालों से खासतौर से वर्तमान वर्ष में उत्तराखंड के कई पहाड़ी क्षेत्रों में बाहरी भूस्खलन होने की वजह से यह फैसला लिया जा रहा है। वैसे भी उत्तराखंड के स्थानीय नागरिकों में इस बात को लेकर काफी रोष पैदा हो गया है कि उनके पहाड़ी क्षेत्रों में बाहरी लोग और अन्य राज्यों के बिल्डर आकर बड़ी संख्या में भूखंड खरीद रहे हैं। जिसकी वजह से वहां जमीनों के रेट आसमान छूने लगे हैं। जमीनों की खरीद दर बढ़ने से वहां के स्थानीय लोगों की क्षमता में किसी भी तरह की संपत्ति खरीदना संभव नहीं हो पा रहा है। इसको लेकर वहां स्थानीय लोग सार्वजनिक रुप से अपनी नाराजगी प्रकट करने लगे हैं। यह खबरें भी मिली हैं कि उत्तराखंड में जमीन खरीदने पहुंच रहे अन्य राज्यों के खरीदारों के प्रति स्थानीय लोगों ने अपना आक्रोश प्रकट करना शुरू कर दिया है। कुछ ऐसी घटनाएं भी घटित हुई हैं जिनमें स्थानीय लोगों ने जमीन खरीदने आए बाहरी लोगों के साथ दुर्व्यवहार भी किया है और उन्हें उल्टे पांव वापस लौटाया है।