- जिला चिकित्सालय में आयोजित शिविर में क्षय रोग विभाग ने दी क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम की जानकारी
- ईएनटी, दंत, चर्म व नेत्र रोग विभाग ने भी शिविर में दीं परामर्शीय सेवाएं
- सात सौ से अधिक लोगों ने उठाया शिविर का लाभ
हापुड़। दस्तोई रोड स्थित संयुक्त जिला चिकित्सालय में राष्ट्रीय मानसिक एवं स्वास्थ्य शिविर संबंधित जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार त्यागी ने फीता काटकर शिविर का शुभारंभ किया। इस मौके पर सीएमएस डा. प्रदीप मित्तल भी मौजूद रहे। सीएमओ ने अपने संबोधन में कहा कि हम सभी प्रण लें कि सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जा रही सभी सुविधाएं पूरी ईमानदारी से दिव्यांग जन को उपलब्ध कराएंगे। दिव्यांगजनों के लिए चलाई जा रही योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाएंगे। उनके अधिकारों की जानकारी देंगे।
जिला मानसिक स्वास्थ्य प्रकोष्ठ से शिविर में मौजूद डा. स्वाति ने बताया कि दिव्यांगता शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की होती है। शिविर में मानसिक रोगियों को उनके मौलिक अधिकारों के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही शिविर में आए लोगों को बताया गया कि मानसिक रोग भी अन्य रोगों की ही तरह है, और इसका उपचार संभव है। व्यवहार में परिवर्तन आने, उदास रहने और मन में नकारात्मक विचार आने की स्थिति में मनोचिकित्सक से संपर्क करें। मानसिक रोगों को छिपाएं नहीं। शिविर में दंत रोग विभाग की स्टॉल पर डा. सपना सिंह और मो. मुस्तेहसन ने, नेत्र रोग विभाग की स्टॉल पर डा. स्मिति, डा. राजनाथ और नेत्र परीक्षण अधिकारी वीरेंद्र कुमार ने, ईएनटी स्टॉल पर डा. मोहिनी, चर्म रोग विभाग की स्टॉल पर डा. सौम्या गोयल और फिजीशियन डा. महेंद्र मौर्य ने अपनी सेवाएं दीं।
शिविर में बाल रोग विशेषज्ञ डा. हेमलता सिंह ने बदलते मौसम में छोटे बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर विशेष रूप से सावधान रहने की बात कही। उन्होंने कहा बच्चों को विटामिन -ए की खुराक जरूर पिलाएं, इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर रहती है और संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। शिविर में मेडिकल आफिसर शिशुपाल सिंह और चिकित्सा अधीक्षक डा. त्रिवेंद्र कुमार, चीफ फार्मासिस्ट डीपी पालीवाल और ज्ञानप्रकाश गौतम के अलावा फार्मासिस्ट भारत शर्मा मौजूद रहे। शिविर के आयोजन में पैथोलॉजिस्ट डा. शैली गौतम और डा. शबा खान का विशेष सहयोग रहा।
क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम की जानकारी दी
शिविर में क्षय रोग विभाग ने स्टॉल लगाकर क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम की जानकारी दी
और पैंफलेट वितरित किए । जिला पीपीएम कोआॅर्डिनेटर सुशील चौधरी ने बताया – 2025 तक प्रधानमंत्री के टीबी मुक्त भारत का सपना साकार करने के लिए विभाग अधिक से अधिक क्षय रोगियों की पहचान कर उपचार शुरू करने के प्रयास में लगा है। इस कार्य में आमजन का भी सहयोग जरूरी है। किसी व्यक्ति को यदि दो सप्ताह से अधिक खांसी, वजन कम हो रहा हो, सीने में दर्द हो, बुखार-थकान रहती हो, उस व्यक्ति को निशुल्क टीबी जांच कराने के ल?िए प्रेरित करें। विभाग की ओर से जांच और उपचार निशुल्क किया जाता है। नियमित रूप से दवा खाने से टीबी पूरी तरह ठीक हो जाती है। उपचार के दौरान रोगी को हर माह पांच सौ रुपए का भुगतान निक्षय पोषण योजना के तहत किया जाता है।
मातृ वंदना योजना की भी लगी स्टॉल
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के जिला समन्वयक परीक्षित तेवतिया ने बताया- योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने पर महिलाओं तीन किश्तों में पांच हजार रुपए का भुगतान किया जाता है। योजना का उद्देश्य गर्भवती को उचित आराम एवं पोषण की आवश्यकता, नियमित प्रसवपूर्ण देखभाल, संस्थागत प्रसव, शिशु टीकाकरण, गर्भवती को स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता से संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देना है।