- भारतीय वीर दल ने उठाई मांग, राष्ट्रपति को भेजा मांग पत्र
गाजियाबाद। भारतीय वीर दल ने पिछड़े वर्ग के अधिकारों को लेकर राष्ट्रपति के नाम 11 सूत्रीय मांग पत्र डीएम को सौंपा। भारतीय वीर दल के जिलाध्यक्ष बबली कसाना ने दिए गए ज्ञापन में कहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा अधिकार संपन्न पिछड़ा वर्ग मंत्रालय का अलग से गठन किया जाना चाहिए। पिछड़ों को उनकी आबादी के अनुपात में 60 प्रतिशत का आरक्षण देकर भारतीय संविधान की नौवीं अनुसूचि में शामिल किया जाना चाहिए। संविधान की धारा 12 वर्ष लागू कर लोक सेवा आयोग की तरह न्यायिक सेवा आयोग का गठन किया जाए जिसमें एससी/एसटी/ओबीसी को भी सुप्रीम कोर्ट, जजों, न्यायिक सेवाओं में भी समुचित भागेदारी मिलनी चाहिए। जाति एवं वर्ग को आधार बनाकर भारत की जनगणना वर्ष 2011 के आंकड़े सार्वजनिक हों ताकि पिछड़े वर्ग के लोगों की आवश्यकताओं के हिसाब से राष्ट्रीय योजनाओं में धनराशि आवंटित हो। पिछड़े वर्ग को संसद एवं विधानसभाओं में साठ प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए तथा सरकार द्वारा चयनित/मनोनीत नामित किए जाने वाले पदों राजदूत, राज्यपाल, आयोग, निगम बोर्ड के सदस्यों व उपक्रमों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्यों के लिए साठ प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए। पिछड़े वर्ग को निजी क्षेत्र की नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए तथा सरकारी नौकरियों में एससी/एसटी के आरक्षण के अनुसार सीधी भर्ती, प्रोन्नति आयु सीमा आदि में छूट व सुविधाएं मिलनी चाहिए। वित्तीय संस्थानों, बैंकों, सरकार की कल्याणकारी योजनाओं द्वारा दी जा रही सहायता राशि, ऋण एवं अनुदान राशि सब्सिडी में पिछड़े वर्ग को साठ प्रतिशत हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। सरकार द्वारा दिए जाने वाले लाइसेंस, कोटा, परमिट आदि में भी साठ प्रतिशत हिस्सेदारी होनी चाहिए। ज्ञापन देने वालों में रनवीर प्रधान, हातम प्रधान, विजय सिंह, नरेन्द्र मावी, नरेन्द्र कसाना, जगवीर, विनोद कसाना, सचिन कसाना, पवन कसाना, रोबिन कसाना, पवन कसाना, सोनू कसाना, दीपक व समीक्षा आर्य आदि मौजूद रहे।