- स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में प्रगति धीमी या शून्य होने पर दी जाएगी प्रतिकूल प्रविष्टि: आरके सिंह
- स्वास्थ्य विभाग की मीटिंग में सभी संबंधित अधिकारी रहें उपस्थित
- मीटिंग के दिन छुट्टी जाने पर लेनी पड़ेगी डीएम से अनुमति
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा जन सामान्य के स्वास्थ्य लाभ के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। सभी कार्यक्रमों को पूर्ण लग्नशीलता के साथ जन-जन तक लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कलेक्ट्रेट के महात्मा गांधी सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति एवं जिला पोषण समिति की बैठक में अध्यक्षता करते हुए स्वास्थ्य कार्यक्रमों से जुड़े हुए अधिकारियों को स्पष्ट करते हुए कहा कि सभी स्वास्थ्य कार्यक्रमों को जनपद में बहुत ही दृढ़ता के साथ संचालित किया जाए ताकि सरकार की मंशा के अनुरूप सभी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ जन-जन तक सरलता के साथ पहुंच सके। इस अवसर पर उन्होंने स्पष्ट रूप से अपनी मंशा जाहिर करते हुए कड़े शब्दों में कहा कि आम जनमानस को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में जिनकी प्रगति धीमी या शून्य है उनको प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाएगी। उन्होंने समीक्षा करते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारी गण एवं चिकित्सक गण सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं का जन-जन तक लाभ पहुंचाने में उनकी बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है सभी अधिकारी गण एवं चिकित्सक गण अपनी-अपनी ड्यूटी पर निर्धारित समय पर उपस्थित होकर सरकार द्वारा संचालित किए जा रहे स्वास्थ्य कार्यक्रमों का लाभ पहुंचाने की दिशा में विशेष प्रयास सुनिश्चित करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य विभाग जैसी महत्वपूर्ण मीटिंग में सभी संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहें, यदि किसी मीटिंग के दिन किसी को छुट्टी पर जाना है तो उनसे अनुमति लेनी पड़ेगी। उन्होंने जननी सुरक्षा योजना के तहत प्राथमिकता के आधार पर संस्थागत प्रसव पर विशेष जोर दिया और सरकार के इस कार्यक्रम का ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष लाभ पहुंचाने के निर्देश दिए। इसी प्रकार उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की ओर से संचालित होने वाले नियमित टीकाकरण के संबंध में भी अधिकारियों को स्पष्ट करते हुए कहा कि कोई भी गर्भवती महिला एवं पात्र बच्चे सरकार के टीकाकरण अभियान से वंचित न रहने पाए। उन्होंने कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर सरकार के द्वारा बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना तथा अन्य कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। अधिकारियों के द्वारा ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी सरकार के इन सभी कार्यक्रमों का जनपद के सभी बच्चों को भरपूर लाभ प्राप्त हो सके। पीसीपीएनडीटी एक्ट की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि जनपद में सभी संचालित अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर संबंधित एक्ट का नियम अक्षरश: से पालन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से समय-समय पर गोपनीय ढंग से अल्ट्रासाउंड सेंटर की गहन जांच सुनिश्चित की जाए। उन्होंने आयुष्मान योजना के अंतर्गत पात्र लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने समस्त प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक परिवार के किसी एक सदस्य का आयुष्मान कार्ड तो जरूर बनाना चाहिए तथा इस योजना से कोई भी परिवार वंचित नहीं रहना चाहिए। इसी के साथ-साथ उन्होंने मातृत्व स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम, राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन आदि कार्यक्रमों की गहन स्तर पर समीक्षा करते हुए अधिकारियों को सभी कार्यक्रम प्रमुखता के साथ संचालित करने के निर्देश दिए हैं। बैठक के दूसरे चरण में जिलाधिकारी ने जिला पोषण समिति एंव जिला निगरानी समिति तथा गोद लिए आदर्श आंगनबाडी केन्द्र की समीक्षा की। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी/बाल विकास परियोजना अधिकारी को निर्देशित किया कि पोषण ट्रैकर पर वजन एवं पोषाहार वितरण की फिडीगं शत-प्रतिशत कराई जाए। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित किया कि आगामी पोषण पखवाडेÞ में दिनांक 20 मार्च से प्रत्येक आंगनबाडी केन्द्र पर पोषण पखवाड़ा का शुभारंभ कराया जाए। उन्होंने बैठक में पोषण ट्रैकर पर गृह भ्रमण की अच्छी प्रगति की प्रशंसा की साथ ही निर्देशित किया कि वीएचएसएनडी में आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री प्रतिभाग करें एवं पोषण ट्रैकर पर फीडिंग सुनिश्चित करें। बैठक में जिलाधिकारी ने पाया की जनपद में 128000 बच्चों के पंजीकरण के सापेक्ष 900 बच्चों को ही आंगनबाड़ी कार्यकत्री के द्वारा सैम चिन्हित किया गया है। यह डाटा सही नही प्रतीत हो रहा अत: पून: सभी बच्चों का वजन एवं लम्बाई/उचॉई कराकर डाटा फीड कराने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य चिकित्ससाधिकारी को निर्देशित किया कि एएनएम के द्वारा सैम-मैम बच्चों को चिन्हाकन एवं प्रबन्धन किया जाए जिस हेतु उनकी ट्रेनिंग यूनिसेफ के द्वारा पूरी की जाए। समीक्षा में जिलाधिकारी ने पाया कि ई-कवच पोर्टल पर माह फरवरी, 2023 में 73 बच्चे फीड किये गये थें, जो कि दिनांक 15 फरवरी की बैठक में दिये गये निर्देश के सापेक्ष काफी कम है, सबसे खराब प्रर्दशन लोनी, मुरादनगर एवं शहरी क्षेत्र की एएनएम का रहा हैैै। यह स्थिति अत्यन्त ही खेदजनक है उक्त स्थिति के लिए सम्बन्धित अधिकारी को प्रतिकुल प्रविष्टि भी देने हेतु मुख्य चिकित्साधिकारी को आदेशित किया गया। उन्होंने मुख्य चिकित्ससाधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित किया कि एएनएम व आंगनबाड़ी कार्यकत्री के माध्यम से चिन्हित समस्त अतिकुपोषित एवं सैम बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराया जाये, साथ ही मुख्य चिकित्साधिकारी को सभी सीएचसी पर एनआरसी बनाने एवं ब्लाक स्तर पर ही सैम बच्चों को भर्ती कराने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए कि एनिमिया मुक्त भारत कार्यक्रम में सभी 7 माह से 5 वर्ष के बच्चों को आईएफए सीरप का वितरण कराये साथ ही शहरी क्षेत्र के स्कूलों में गुलाबी एवं नीली आयरन की गोलियो का वितरण प्रत्येक बच्चों को करायें, एवं 900 सैम बच्चों में से जो कम जटिलता वाले है उन बच्चों को आवश्यक 5 दवाइयां (आयरन सीरप, एमोक्सीसिलीन, फोलिक एसिड, विटामिन ए एवं मल्टाविटामिन) ए0एन0एम0 के माध्यम से उपलब्ध करायें तथा आख्या आगामी बैठक में प्रस्तुत करें। उन्होंने निर्देशित किया कि आगामी बैठक में ब्लाक कन्वर्जेन्श बैठक एवं सेक्टर स्तरीय बैठक की कायार्वाही का कार्यवृत लेकर आये। जिलाधिकारी ने बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देशित किया कि प्रतिमाह साप्ताहिक आयरन फोलिक एसिड सप्लिमेंटेशन की रिर्पोट खण्ड शिक्षा अधिकारी प्रभारी चिकित्साधिकारी को प्रेषित करें। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए कि एनआरसी में सैम बच्चों के ओपीडी का रजिस्ट्रेशन एनआरसी में ही कराया जाये ताकि परिवार के सदस्यों एवं बीमार बच्चों को कोई परेशानी न हो साथ ही एनआरसी में उचित प्रबंधन हेतु केयरटेकर की नियुक्ति एवं एनआरसी में बेड खाली न रहने के सम्बन्ध में प्रभारी चिकित्साधिकारी को सैम बच्चों को रेफर करने हेतु निर्देशित करने तथा मासिक रूप से अपने स्तर से समीक्षा करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने समस्त जिला स्तरीय अधिकारियो को निर्देशित किया कि गोद लिए आंगनबाडी केन्द्रों का मासिक निरीक्षण करने के उपरान्त निरीक्षण आख्या जिला कार्यक्रम कार्यालय में उपलब्ध कराये। बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. भवतोष शंखधर, परियोजना निदेशक डीआरडीए पीएन दीक्षित, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. डीएम सक्सेना, डीएसओ डॉ. आरके गुप्ता, जिला कार्यक्रम अधिकारी शशि वार्ष्णेय, मंडल समन्वयक पोषण अभियान गरिमा सिंह सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।