हापुड़। घर-घर सुपोषण का संदेश पहुंचाने, कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने और गर्भवती को एनीमिया से बचाने के लिए शासन के निर्देश पर समेकित बाल विकास योजना (आईसीडीए) के अंतर्गत सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिका विकसित की जा रही हैं। जिन केंद्रों पर जगह का अभाव है वहां पुष्टाहार से खाली हुए बोरों का इस्तेमाल भी हरी सब्जियां उगाने के लिए किया जा रहा है। एक सितंबर से शुरू हुए राष्ट्रीय पोषण माह का पहला सप्ताह पोषण वाटिका पर ही केंद्रित रखा गया है। शुक्रवार को मुख्य विकास अधिकारी उदय सिंह और जिला कार्यक्रम अधिकारी ज्ञानप्रकाश तिवारी ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आंवला और नींबू के 25 पौधे वितरित कर विकास भवन से इसकी शुरूआत की।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिए कि शनिवार तक इन पौधों को रोपित कर सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता फोटो शेयर करें। सीडीओ ने आंगनबाड़ी कार्यकतार्ओं को सुपोषण में पोषण वाटिका की भूमिका के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि हरी सब्जियों के साथ औषधीय पौधे पोषण वाटिका में लगे होंगे तो सुपोषण का संदेश प्रसारित होता रहेगा।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया- उद्यान विभाग के सहयोग से आंगनबाड़ी कार्यकतार्ओं को औषधीय पौधे वितरित किए गए हैं। इन पौधों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर लगाया जाएगा। यदि किसी केंद्र में जगह उपलब्ध नहीं है तो कुपोषित बच्चे के घर या अन्य किसी सार्वजनिक स्थान पर भी पौधे रोपित किए जा सकते हैं।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने कहा पोषण वाटिका के जरिए एक ओर जहां हरी सब्जियां प्राप्त होती हैं, वहीं हरी सब्जियों से मिलने वाले पोषक तत्वों की जानकारी देने में काफी मदद मिलती है। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के अलावा आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह भी पोषण वाटिका विकसित करने में मदद करेंगे। उद्यान विभाग ओर से सब्जियां और फलों के पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे और जिला पंचायती राज विभाग पोषण वाटिका के लिए ग्राम समाज की भूमि उपलब्ध कराने में मदद करेगा।