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यज्ञ की आहुतियों से क्रांतिमय हुआ शहीद पथ

  • आजादी के अमृत महोत्सव का आगाज
    गाजियाबाद।
    शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पे मिटने वालों का यही आखिर निशां होगा, यज्ञ में आहूत हुई सैंकड़ों आहुतियों के साथ स्वतन्त्रता के महासमर में बलिदान देने वाले स्वतन्त्रता सेनानियों का स्मरण कर आजादी के अमृत महोत्सव का भव्य शुभारम्भ हुआ। आजादी के अमृत महोत्सव समिति द्वारा गाजियाबाद के नवयुग मार्केट स्थित शहीद पथ पर 11 कुंडीय यज्ञ का भव्य आयोजन किया गया। आर्य समाज के विद्वान आचार्य चन्द्रपाल शास्त्री के द्वारा सम्पूर्ण विधिविधान से अनुष्ठान सम्पन्न कराया गया और सैकड़ों महिलाओं और पुरूषों ने स्वतंत्रता सेनानियों का स्मरण करते हुए अपनी आहुति अर्पित की।
    इस अवसर पर स्वतंत्रता का महत्व बताते हुए आजादी के अमृत महोत्सव आयोजन समिति के संरक्षक चन्द्रभानु मिश्र ने बताया कि भारत की स्वतन्त्रता में किसी परिवार या किसी दल का योगदान नहीं है बल्कि देश का प्रत्येक नागरिक एवं प्रत्येक संगठन के द्वारा यथा सम्भव योगदान से ही यह सम्भव हो पाया। स्वतंत्रता के पश्चात परस्पर सहयोग और सद्भाव से ही देश को एक सूत्र में पिरो कर रखा जा सकता है। आजादी तो मिली है लेकिन अपनी स्वतंत्र अर्थात स्व- तन्त्र व्यवस्था बनाने का कार्य अभी भी अपूर्ण है। अपने स्वर्णिम इतिहास पर हमें गर्व करना चाहिये।
    अपने पुरातन विज्ञान, संस्कारों, मौलिक विचारों और चिंतन के अनुसार ही देश का तंत्र बनाया जाना अभी शेष है।
    महान स्वतंत्रता सेनानी दुर्गा भाभी के विषय में बताते हुए उन्होंने बताया कि एक समय था जब वह स्वतंत्रता आंदोलन का केन्द्र बिन्दु रहीं परन्तु आज उनके ना स्मारक मिलेंगे और ना ही उनके जन्म और देहांत की तिथियों के विषय में उतनी जागरूकता मिलती है जितनी होनी चाहिये थी।
    कार्यक्रम का संचालन विजन ट्री के निदेशक विकास कुमार ने किया। इस अवसर पर सैंकड़ों की संख्या में शहर के जागरुक नागरिक एवं गणमान्य लोगों ने सहभागिता की। सिहानी गेट, चौपला, घंटाघर, डासना गेट, नवयुग मार्केट एवं दिल्ली गेट व्यापार मंडल के प्रतिनिधियों के अतिरिक्त अमृत महोत्सव समिति के अध्यक्ष उद्योगपति धुरेन्द्र अग्रवाल, उपाध्यक्ष विनय कक्कड़, पतंजलि ट्रष्ट के एनसीआर के संयोजक राजवीर सिंह, टैक्स बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं जोनल कोआॅर्डिनटर अमित शर्मा,आर्य समाज से अश्विन बत्रा एवं राजेन्द्र आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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