- डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम-रहीम पर 31 लाख का जुर्माना भी
- अन्य चार पर 50-50 हजार का लगाया अर्थदंड
नई दिल्ली। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को अब ताउम्र जेल में ही रहना होगा। पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत ने चर्चित रणजीत सिंह हत्याकांड में राम रहीम समेत पांच आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। राम रहीम पर अदालत ने 31 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है जबकि अन्य पर 50-50 हजार का अर्थदंड लगाया है। रणजीत सिंह के परिवार वालों को 19 साल बाद जाकर इंसाफ मिला है। अदालत में मौजूद रणजीत के परिजनों ने फैसले पर संतोष व्यक्त किया है।
बता दें कि 10 जुलाई 2002 को डेरा सच्चा सौदा की मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य कुरुक्षेत्र के रणजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई। डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत सिंह ने ही साध्वी यौन शोषण मामले में अपनी बहन से पीएम समेत अन्य को गुमनाम चिट्ठी लिखवाई। पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत सिंह के पिता ने जनवरी 2003 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपने बेटे की हत्या की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की, जिसे हाईकोर्ट ने मंजूर कर लिया था। सीबीआई ने इस मामले में डेरामुखी राम रहीम समेत 5 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया। 2007 में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने आरोपियों पर चार्ज फ्रेम किए और 8 अक्टूबर 2021 को उन्हें दोषी करार दे दिया। सीबीआई के वकील एचपीएस वर्मा ने राम रहीम और चारों दोषियों के लिए फांसी की सजा मांगी थी, मगर अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई। इससे पहले राम रहीम ने अदालत में कहा कि वह इस देश का नागरिक है और उसे अदालत पर पूरा भरोसा है। उसने डेरे की ओर से चलाए जा रहे सामाजिक कार्यों और अपनी बीमारी की दुहाई देकर सजा में रिआयत की मांग की। रणजीत सिंह हत्याकांड में सीबीआई कोर्ट ने 12 अक्टूबर को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। दोषियों के वकीलों द्वारा सीबीआई की ओर से दी गई दलीलों को पढ़ने के लिए समय मांगने पर अदालत ने 18 अक्टूबर की तारीख दे दी थी।
बता दें कि राम रहीम को साध्वियों से यौन शोषण के मामले में 10-10 साल की सजा हो चुकी है। फैसले को लेकर पूरे पंचकूला क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। सेना के जवानों को लगाया गया था। पूरे क्षेत्र में धारा 144 लगाई गई थी।