- जेवर एयरपोर्ट की स्थापना से लाखों लोगों को मिलेगा रोजगार
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर के निर्माण हेतु 1,334 हेक्टेयर भूमि के कब्जा हस्तांतरण मेमोरेंडम पर हस्ताक्षर किए गए। ज्युरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी की तरफ से सीईओ क्रिसटोफ शेलमन, किरन जैन और लीगल हेड शोभित गुप्ता तथा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड की ओर से निदेशक नागरिक उड्डयन विशाख, यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के सीईओ डॉ. अरुण वीर सिंह और नोडल अधिकारी शैलेंद्र भाटिया ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि एविएशन सेक्टर आज के समय में बहुआयामी प्रगति का द्योतक है, इससे आर्थिक विकास में गुणोत्तर वृद्धि होती है। इसके दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में जनपद गौतमबुद्धनगर के जेवर में पीपीपी मोड पर अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के विकास की योजना परिकल्पित की गयी। राज्य सरकार के इस प्रयास में केन्द्र सरकार का निरन्तर भरपूर सहयोग प्राप्त हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जेवर एयरपोर्ट की स्थापना से उत्तर प्रदेश में औद्योगिक अवस्थापना का विकास होगा, जिससे रोजगार एवं निवेश के अवसर बढ़ेंगे। इसके अलावा, विनिर्माण एवं निर्यात को प्रोत्साहन मिलने के साथ-साथ हवाई यातायात सुगम होगा। इस परियोजना से पर्यटन के क्षेत्र में भी अप्रत्याशित वृद्धि होने की सम्भावना है। जेवर एयरपोर्ट की स्थापना से कई लाख लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त होगा।
ज्ञातव्य है कि जेवर में अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के विकास के लिए नागर विमानन मंत्रालय में साइट क्लीयरेंस व इन-प्रिंसिपल अपू्रवल तथा रक्षा मंत्रालय की अनापत्ति हेतु आवेदन किया गया। नागर विमानन मंत्रालय से 6 जुलाई, 2017 को साइट क्लीयरेंस तथा 9 मई, 2018 को इन-प्रिंसिपल अपू्रवल प्राप्त हुआ। जेवर अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के विकास हेतु 8 नवम्बर, 2017 को गृह मंत्रालय से इमीग्रेशन सर्विसेज हेतु अनुमोदन प्राप्त हुआ। 5 अक्टूबर, 2017 को गृह मंत्रालय से एमएचए क्लीयरेंस प्राप्त हुआ तथा 11 जनवरी, 2018 को रक्षा मंत्रालय द्वारा अनापत्ति प्रदान की गयी। जेवर अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के विकास की परियोजना हेतु पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से 9 मार्च, 2020 को पर्यावरणीय क्लीयरेंस प्राप्त हुआ। एयरपोर्ट की स्थापना हेतु लगभग 4100 करोड़ रुपये की लागत से भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम-2013 में विहित व्यवस्था के अनुसार, 1,334 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। एयरपोर्ट की भूमि से सम्बन्धित परिवारों के पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन हेतु आवश्यक 48.0970 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण भी पूर्ण किया जा चुका है। कार्यदायी संस्था यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा विकास सम्बन्धी कार्यों का ई-टेंडर कर, स्थल पर विकास कार्य प्रारम्भ करा दिया गया है। एयरपोर्ट के विकास हेतु ग्लोबल ई-टेंडर के माध्यम से, सबसे अधिक प्रति पैसेन्जर राजस्व की बोली (400.97 रुपये) लगाने वाली कम्पनी ज्युरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी को विकासकर्ता के रूप में चयनित किया गया है।
जेवर एयरपोर्ट के लिए चयनित विकासकर्ता ज्युरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी द्वारा गठित एसपीवी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट एवं उत्तर प्रदेश सरकार की कम्पनी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के साथ 7 अक्टूबर, 2020 को कन्सेशन एग्रीमेंट हस्ताक्षरित किया जा चुका है। यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट एवं राज्य सरकार के मध्य त्रिपक्षीय स्टेट सपोर्ट एग्रीमेण्ट एक मार्च, 2021 को हस्ताक्षरित किया जा चुका है। यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट एवं नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के मध्य 17 जुलाई, 2021 को शेयर होल्डर एग्रीमेंट भी निष्पादित किया जा चुका है।
एयरपोर्ट के विकास हेतु राज्य सरकार के नागरिक उड्डयन विभाग के नाम से अधिग्रहीत 1,334 हेक्टेयर भूमि 90 वर्षों की लीज पर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को दी गयी है। इस सम्बन्ध में 17 जुलाई, 2021 को राज्य सरकार एवं नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के मध्य लीज एग्रीमेंट हस्ताक्षरित किया जा चुका है। यह 1,334 हे. भूमि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट द्वारा यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट को एयरपोर्ट का विकास करने हेतु 40 वर्षों के लिए लाइसेंस पर उपलब्ध करायी जा रही है, जिसके सम्बन्ध में मेमोरेंडम हस्ताक्षरित किया गया है।
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बढ़ाई गई है रन-वे की संख्या
राज्य सरकार द्वारा नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के रनवे की संख्या 2 से बढ़ाकर 4 से 6 किए जाने का निर्णय लिया गया है। रनवे की संख्या बढ़ाए जाने के सम्बन्ध में कन्सल्टेन्ट पीडब्ल्यूसी की फीजिबिलिटी रिपोर्ट के अनुसार 5 रनवे को फीजिबिल बताया गया है। वर्तमान में 2 रनवे हेतु भूमि अधिग्रहण पूर्ण किया जा चुका है, शेष 3 रनवे हेतु क्रमश: फेज-1 में 1,365 हे., फेज-2 में 1,318 हे. एवं फेज-3 में 735 हे. भूमि की आवश्यकता है। फेज-1 के लिए 1,365 एकड़ भूमि के अर्जन हेतु राज्य सरकार द्वारा अपने अंश की धनराशि 1,084 करोड़ रुपये अवमुक्त की जा चुकी है। जेवर एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी की दिशा में भी काम चल रहा है। इसके लिए इस एयरपोर्ट को हाई स्पीड रेल से जोड़े जाने, इन्दिरा गांधी एयरपोर्ट से सड़क मार्ग द्वारा जोड़े जाने तथा मेट्रो रेल से जोड़े जाने के लिए कार्यवाही प्रशस्त है। आगामी कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश में अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की संख्या 3 (लखनऊ, वाराणसी एवं कुशीनगर) से बढ़कर 5 (लखनऊ, वाराणसी, कुशीनगर, जेवर एवं अयोध्या) हो जाएगी। लाइसेंस मेमोरेंडम हस्ताक्षर कार्यक्रम के दौरान नागरिक उड्डयन मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी, मुख्य सचिव आरके तिवारी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास अरविन्द कुमार, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल आदि मौजूद रहे।