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कोविड टीकाकरण : क्लस्टर मॉडल-2.0 की गाइडलाइन जारी

  • ग्रामीण क्षेत्रों पर बढ़ेगा फोकस, लेखपाल करेंगे कवरेज का आकलन
  • पहली डोज के आधार पर तीन श्रेणियों में बांटकर होगा टीकाकरण
    गाजियाबाद।
    कोविड टीकाकरण कार्यक्रम को और बेहतर बनाने के लिए शासन से क्लस्टर मॉडल-2.0 के लिए गाइडलाइन जारी की गई है। नई गाइडलाइन में अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद की ओर से जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को भेजे गए शासनादेश में ग्रामीण क्षेत्रों पर फोकस बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए सभी राजस्व ग्रामों में पहली डोज का आकलन करने की जिम्मेदारी लेखपाल को देने के निर्देश दिए गए हैं। लेखपाल के आकलन के बाद सभी राजस्व ग्रामों को कवरेज के हिसाब से तीन श्रेणियों में बांटा जाएगा और फिर स्वास्थ्य विभाग पार्टनर संस्थाओं के सहयोग से क्लस्टर मॉडल योजना तैयार टीकाकरण के लिए कार्ययोजना बनाएगा। शासन ने एक नवंबर से क्लस्टर मॉडल-2.0 लागू करने के आदेश दिए हैं।
    हापुड़ की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रेखा शर्मा ने नई गाइडलाइन मिलने की जानकारी देते हुए बताया कि टीकाकरण कार्यक्रम के लिए शासन से क्लस्टर मॉडल- 2.0 के संबंध में दिशा-निर्देश प्राप्त हुए हैं। वर्तमान में लागू टीकाकरण व्यवस्थाओं, फिक्स बूथ, क्लस्टर एप्रोच, मेगा वैक्सीनेशन डे के साथ ही दूसरी डोज को वरीयता दी जाएगी। जहां क्लस्टर मॉडल के माध्यम से पहली डोज लगाई गई है उन स्थानों पर क्लस्टर मॉडल के जरिए ही दूसरी डोज लगाई जाएगी। कोविड टीकाकरण के प्रथम डोज का लक्ष्य पूरा करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों पर फोकस बढ़ाया जाएगा। शासन से मिले आदेश के मुताबिक जनपद के सभी राजस्व ग्रामों में वैक्सीन की पहली डोज का आकलन लेखपाल करेंगे और फिर उसी आधार पर 95 प्रतिशत या उससे अधिक, 80 से 95 प्रतिशत और 80 प्रतिशत से कम प्रथम डोज टीकाकरण वाले ग्रामों को तीन श्रेणियों में बांटा जाएगा।
    सबसे पहले 80 प्रतिशत से अधिक प्रथम डोज टीकाकरण वाली दोनों श्रेणियों के ग्रामों को संतृप्त किया जाएगा और जिस गांव के सौ फीसदी लाभार्थियों को पहली डोज लग जाएगी उसे प्रथम डोज संतृप्त गांव कहा जाएगा, और ऐसे गांव के प्रधान को सम्मानित किया जाएगा। इसी प्रकार दोनों डोज पूर्ण करने वाले गांव को कोविड सुरक्षित गांव की संज्ञा दी जाएगी। इसके साथ ही ब्लॉक स्तरीय टास्क फोर्स, पंचायती राज, शिक्षा, आईसीडीएस और ग्राम विकास विभाग आदि के सहयोग से तीसरी श्रेणी वाले ग्रामों को भी प्रथम डोज संतृप्त ग्राम की श्रेणी में लाया जाएगा।

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