गाजियाबाद। काइट ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस में स्किल डेवलपमेंट एन्ड फिनिशिंग स्कूल (एसडीएंडएफएस) द्वारा आयोजित किक्स-डी-हैक 21.3 कोडाथान का आयोजन किया गया। उद्घाटन समाहरोह का आरम्भ मां सरस्वती की वंदना के साथ किया गया। कोडाथॉन प्रतियोगिता दो दिन चली जिसमें 1350 छात्रों ने भाग लिया।
एमसीए विभागाध्यक्ष एवं स्किल डेवलपमेंट एन्ड फिनिशिंग स्कूल (एसडीएंडएफएस) के हेड डा. अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि कोडिंग कल्चर को आगे बढ़ाने और छात्रों को एक हेल्थी कम्पटीशन देन ेके लिए इस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। यह एक अद्वितीय प्रतियोगिता है जो सेमेस्टर चलते हुए छात्रों को केवल लर्निंग ही नहीं बल्कि टीम लीडर बनाने में भी सहायक होगा। डा. अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि टेक्नॉलजी के आधार पर भविष्य शीघ्र ही बिल्कुल बदलने वाला है। सिक्स्थ सेंस टेक्नोलॉजी. कमर्शियल स्पेस फ्लाइट्स, टनल्स वेज, ड्राइवरलेस कारें, जैसे बहुत से तरीके शीघ्र ही जिंदगी जीने के तरीकों को बदलने वाले हैं और ये सब बदलाव केवल इंजीनियर ही कर सकते हैं। इन सभी बदलावों को लान ेके लिय ेइंजीनियर को एक्सपीरियंस चाहिए। इंजीनियरिंग कोर्स करते हुए ऐसे करियर ओरिएंटेड एक्सपीरियंस केवल इस तरह के कोडाथॉन प्रतोयोगिताओं से ही संभव हैं। संस्थान के एसडीएंडएफएस द्वारा आयोजित किक्स-डी-हैक 21.3 कोडाथॉन प्रतियोगिता एक ड्रीम जॉब या एक एंटरप्रेन्योर बनने के लिए आवश्यक इनोवेशन और क्रिएटिविटी ओरिएंटेड शिक्षा दिलाने में सहायक होगी। इस तरह की प्रतियोगिता केवल कंप्यूटर साइंस के छात्रों के लिए ही नहीं अपितु मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और सिविल इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए भी आवश्यक है।
कोडाथॉन प्रोग्राम कोआॅर्डिनेटर प्रोप्रशांत अग्रवाल ने किक्स-डी-हैक 21.3 के बारे में बताते हुए बताया कि दो दिन चलने वाली इस प्रतियोगिता में बीटेक की सभी ब्रांचेज के तृतीय वर्ष और एमसीए प्रथम वर्ष के 1350 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। किक्स-डी-हैक 21.3 कोडाथॉन प्रतियोगिता कोडसेफ और कोडिंग निंजादो अलग-अलग प्लेट फॉर्म्स पर आयोजित की गयी। 6 से 12 घंटे चलने वाली प्रतियोगिता में 2024 बैच के छात्रों के लिए कोडेसेफ पर 16 चैलेंजेज और 2023 बैच के छात्रों के लिए कोडिंगनिंजा पर 40 एमसीक्यू प्रश्नों के साथ 10 चैलेंजेज दिए गए। प्रोप्रशांत अग्रवाल ने विजेताओं को शुभकामनाएं देते हुए बताया कि कालेज लेवल पर 3100 का प्रथम पुरस्कार आईटी ब्रांच के सौम्य जैन ने प्राप्त किया। द्वितीय पुरस्कार 2100 का आईटी ब्रांच के देव भास्कर सिंह ने प्राप्त किया और तृतीया पुरस्कार 1500 का सीएसइर् ब्रांच के उत्कषर् मिढ़ा ने प्राप्त किया। छात्रों की ओर से इस तरह की उत्साही भागीदारी को देखकर हम अभिभूत हैं।
कोडाथॉन विजेता सौम्य जैन ने कोडाथॉन आयोजकों का धन्यवाद व्यक्त करत ेहुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम छात्रों को बहुत ही मददगार साबित होते हैं। मुझे प्रोग्रामिंग आती थी लेकिन कॉम्पिटेटिव प्रोग्रामिंग कैसे होती है ये इस कोडाथॉन से पता चला। सौम्य जैन ने कहा की ये हमारे लॉजिक्स को बढ़ाने में सहायक रहा। बिगिनर्स को ऐसे प्रोग्राम्स से कोडिंग कल्चर को समझने में सहायता मिलती है। मृदुल कुमार पांडेय ने इस तरहा की प्रतियोगिताओं को आयोजित करने ेके लिए कॉलेज का धन्यवाद दिया। इस प्रतियोगिता को अमेजिंग ओप्पोरचुनिटी कहते हुए साक्षी जैन ने कहा कि अपने स्किल्स को एनहान्स करने और अपने टारगेट को निश्चित करने में हम छात्रों को इस प्रतियोगिता से सहायता मिलेगी। राजप्रताप सिंह ने इस प्रकार का हेल्दी कॉम्पिटेटिव प्लेटफार्म देने के लिए कॉलेज का और विभाग को धन्यवाद व्यक्त किया।