- वाराणसी में मोदी@20 सपने हुए साकार पुस्तक के हिन्दी संस्करण का विमोचन किया
- मोदी है तो मुमकिन है को प्रधानमंत्री ने सिद्ध कर दिया
- किसी व्यक्ति की योग्यता की कसौटी संकट में उसके धैर्य, निर्णय और कार्य की क्षमता से होती है
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी के रुद्राक्ष इण्टरनेशनल कन्वेंशन सेण्टर में मोदी@20 सपने हुए साकार पुस्तक के हिन्दी संस्करण का विमोचन किया। इस अवसर पर विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय राजनेताओं में सम्मिलित वाराणसी के सांसद तथा भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अभिनन्दन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व से काशी और उत्तर प्रदेश अभिभूत है। प्रधानमंत्री के यशस्वी नेतृत्व में पूरा भारत विश्वास के साथ उठ खड़ा हुआ है। पूरी दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। आज वैश्विक मंच पर विश्व मानवता के लिए निर्धारित हो रही किसी भी नीति का क्रियान्वयन भारत के बगैर नहीं हो सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी व्यक्ति की योग्यता की कसौटी संकट में उसके धैर्य, निर्णय और कार्य की क्षमता से होती है। भारत में कोरोना का सबसे अच्छा प्रबन्धन हुआ है। कोरोना महामारी के दौरान भारत दुनिया के लिए संजीवनी देने वाला साबित हुआ है। जापान ने वर्ष 1905 में इंसेफेलाइटिस की वैक्सीन विकसित कर ली थी। वर्ष 2005 में देश में इसकी वैक्सीन आयी, जबकि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में भारत ने 9 महीने में कोरोना की 2-2 स्वदेशी वैक्सीन विकसित की। साथ ही, दुनिया के 25-30 देशों को इसे उपलब्ध भी कराया।
8 वर्ष में लोगों ने एक भारत, श्रेष्ठ भारत के रूप में देश को बदलते देखा है। प्रधानमंत्री की भारत के प्रति निष्ठा, प्रशासनिक क्षमता तथा कार्यपद्धति पर विरोधी भी उंगली नहीं उठा सकता। उन्होंने एक-एक योजना का लाभ आम जनता तथा आखिरी पायदान के व्यक्ति तक पहुंचाने का कार्य किया है। हम सभी ने देखा है कि प्रधानमंत्री जी द्वारा संचालित योजनाएं आपस में इस प्रकार जुड़ी हैं कि उनके दूरगामी परिणाम प्राप्त होते हैं। प्रधानमंत्री ने बैंकों में जन-धन खाते की योजना शुरू की। इस योजना के कारण शासन की योजनाओं का लाभ जरूरतमन्द तक डीबीटी के माध्यम से पहुंचाया जाना सम्भव हुआ है। इसका लाभ कोरोना महामारी के संकट के दौरान महसूस किया गया। उन्होंने कहा कि योजनाओं का पैसा बैंक में जमा होता है, तो परिवार आर्थिक स्वावलम्बन की ओर बढ़ता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2014 में 2 अक्टूबर को स्वच्छ भारत मिशन का शुभारम्भ किया। स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश में 10 करोड़ शौचालय बनाए गए। प्रारम्भ में लोगों ने इस पर सवाल उठाए, लेकिन आज लोग इस योजना के लाभ को समझ चुके हैं। बड़े पैमाने पर संचालित स्वच्छता अभियान से कितनी ही बीमारियों पर अंकुश लगाना सम्भव हुआ है। प्रधानमंत्री आवास योजना के जरिये 3 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को जाति, मत, मजहब के भेदभाव के बिना आवास उपलब्ध कराया गया। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में 8.5 करोड़ परिवारों को नि:शुल्क रसोई गैस कनेक्शन प्राप्त होने से माताओं और बहनों को धुएं से मुक्ति मिली। 4.5 करोड़ परिवारों को नि:शुल्क बिजली कनेक्शन प्रदान किए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं के लिए प्रधानमंत्री स्टार्ट-अप योजना, अनुसूचित जाति/जनजाति तथा महिलाओं के लिए प्रधानमंत्री स्टैण्ड-अप योजना, महिलाओं के लिए प्रधानमंत्री जीवन ज्योति एवं प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ सहित प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना आदि योजनाएं संचालित की गईं। प्रधानमंत्री जी ने समाज के सभी वर्गों से सम्बन्धित योजनाएं संचालित कीं। श्रमिकों के लिए, सैनिकों के लिए योजनाएं लागू की गईं। इससे इन सभी के जीवन में व्यापक बदलाव आया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने काशी की 11 विभूतियों-पद्मभूषण प्रो. वशिष्ठ त्रिपाठी, पद्मश्री चंद्रशेखर सिंह, पद्मश्री शिवनाथ मिश्र, पद्मश्री रजनीकांत, पद्मश्री डॉ. राजेश्वर आचार्य, ख्यातिलब्ध समाज वैज्ञानिक प्रो. अरविंद जोशी, राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त डा. हरेन्द्र राय, राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त प्रो. रामनारायण द्विवेदी, पं. श्रीकांत मिश्र, दैनिक जागरण के सम्पादक भारतीय बंसत कुमार, अमर उजाला के सम्पादक वीरेन्द्र आर्या, राष्ट्रीय सहारा के सम्पादक स्नेह रंजन को अंगवस्त्र एवं पुस्तक भेंट कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल, आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्र दयालु सहित जनप्रतिनिधि, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।